चुनाव की रणभेरी बजने के साथ ही कांग्रेस सरकार के कुशासन के अंत की तारीख तय-आक्या

चुनाव की रणभेरी बजने के साथ ही कांग्रेस सरकार के कुशासन के अंत की तारीख तय-आक्या
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चित्तौड़गढ़। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है तथा प्रदेश की कांग्रेस सरकार के कुशासन के अंत की तारीख भी तय हो गई है। इन पांच वर्षाे में कांग्रेस सरकार की उपलब्धि यही रही कि राजस्थान महिला अत्याचार, अपराध, गुण्डागर्दी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी में देश में पहले नम्बर पर है। पेपर लीक प्रकरण से राज्य का युवा आज खून के आंसु रोने पर विवश है। मुख्यमंत्री व पूर्व उप मुख्यमंत्री के बीच चली वर्चस्व की लड़ाई से राजस्थान का विकास रूक गया। सरकार के मंत्री राज खजाने को लूट अपना घर बनाने में लगे रहे। पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा संचालित अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं बंद होने से स्थानीय युवाओं को मिल रहा रोजगार बंद हो गया। आगामी 23 नवम्बर को राजस्थान में होने वाले मतदान में प्रदेश की जनता भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में बहुतायत में मतदान करेगी और 3 दिसम्बर को जब मतो की गिनती होगी तब भाजपा दो तिहाई मतो से विजयी होकर सरकार बनायेगी। विधायक चंद्रभानसिंह आक्या विधानसभा क्षैत्र चित्तौडगढ़ की ग्राम पंचायत जालमपुरा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान उपस्थित कार्यकर्ताओ को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष मिट्ठुलाल जाट ने कहां कि पांच वर्षाे में प्रदेश वासियो की स्थिती बदत्तर हो गई है। प्रदेश अपराधियो की शरण स्थली बन गया है। राजस्थान का आम नागरिक अब कांग्रेस के भुलावे में आने वाला नही है और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनना तय है। कार्यक्रम को लक्ष्मणसिंह खोर, प्रधान देवेन्द्र कंवर, प्रवीणसिंह राठौड़, सत्यनारायण कुमावत, रतन डांगी, हरिसिंह जाट, भंवरसिह खरड़ी बावड़ी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर लालसिंह राठी, पृथ्वीराज जाट, रामनिवास गाडरी, देवराज चौधरी, जितेन्द्र सालवी, किशन गुर्जर, मुन्नालाल जाट, रामनारायण जाट ओरड़ी, देवेन्द्रसिंह शक्तावत, शंकर गुर्जर, दिनेश बिलोदा, गणपत मीणा, अजय चौधरी, बुथ अध्यक्ष नरेश  खोर, सत्यनारायण मीणा, पूर्व सरपंच रामनिवास जाट, कन्हैयालाल जाट, विष्णु सेन, फतेहलाल सुथार, गोपीलाल गुर्जर, गोरधन जाट, हिरालाल जाट, शंकर सालवी, देवेन्द्र जाट, मुकेश सेन, रतन मीणा, कमलसिंह, आदेश जाट, सेमलिया सरपंच किशन शर्मा, अजय चौधरी, गणेश साहू, अम्बालाल जटिया, शंकरलाल जाट, कालुराम मीणा, लेहरूलाल मीणा व राजु मीणा सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।
 

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