विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया
चित्तौड़गढ़। कृषि विज्ञान केन्द्र ़एवं उद्यान विभाग के संयुक्त तत्वधान में विश्व मधुमक्खी दिवस कृषि विज्ञान केन्द्र पर मनाया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 रतन लाल सौलंकी ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस घोषित किया गया था। विश्व मधुमक्खी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य मानव जीवन में मधुमक्खी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है तथा मधुमक्खी पालन की विस्तृत जानकारी कृषकों को प्रदान की। उप निदेशक उद्यान डॉ0 शंकर लाल जाट ने बताया कि कृषि में मधुमक्खियों द्वारा परागण से फसलों के उत्पादन में 10-20 प्रतिशत वृ़िद्ध होती है। पृथ्वी पर जीवन की समग्र स्थिरता में मधुमक्खी बहुत महत्वपूर्ण है। दिनेश कुमार जागा ने सभी प्रतिभागियों से आह्वान किया कि उन्हें कृषि सम्बन्धित नवीनतम साहित्व एवं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के सम्पर्क में रहना चाहिए ताकि कृषि में हो रहे नवाचारों में मधुमक्खी पालन द्वारा आप लोग प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो सकते है। सहायक निदेशक उद्यान डॉ प्रकाश चन्द्र खटीक ने मधुमक्खी शहद को बढ़ावा देने हेतु नारा दिया‘ शुक्र हो शनि रोज खाओ हनी। प्रगतिशील मधुमक्खी पालक भदेसर के मोहन लाल खटीक ने बताया कि मधुमक्खी पालन हेतु व्यवसायिक मधुमक्खी एपिस मेलिफेरा को पाला जा सकता है, जिसमें प्रारम्भिक रूप से 10 बक्से जिनकी लागत लगभग 40 हजार रू आती है, जिससे अगले 2 वर्षो में दुगुना या तिगुना किया जा सकता है। डॉ ललित कुमार ने इस क्षैत्र में उनकी प्रगति एवं सतत विकास के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सहायक कृषि अधिकारी उद्यान गोपाल लाल शर्मा, सुनील कुमार शर्मा, रमेश लाखरान, किसान एवं मधुमक्खी पालक उपस्थित रहे।