सघन वृक्षारोपण, स्वच्छ एवं संरक्षित पर्यावरण के संकल्प के साथ हिन्दुस्तान जिं़क में विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन
चितौड़गढ़। चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम श्रृंखला के अंतर्गत मुख्य अतिथि क्षेत्रीय अधिकारी, राजस्थान राज्य प्रदषूण नियंत्रण बोर्ड, चित्तौडगढ़ आशीष बोरासी ने नीम का वृक्ष लगाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया साथ ही उन्होंने सभी को पर्यावरण दिवस की शुभकामनाये प्रेषित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस की थीम सोल्यूशन्स टू प्लास्टिक पोल्यूशन के साथ मनाया जा रहा है, जो प्लास्टिक से होने वाले प्रदषूण के समाधान पर आधारित है। कार्यक्रम में चंदेरिया लेड जिं़क स्मेल्टर के एस बी यू डायरेक्टर एवं लोकेशन हेड कमोद सिंह ने कहा कि पर्यावरण चेतना एवं चिंतन मानवीय दृष्टिकोण का आवश्यक हिस्सा है और हम सब को सदैव इस बारे में सोचना चाहिए। इसके लिए सामूहिक प्रयासों के साथ-साथ व्यक्तिगत प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्व में प्रतिवर्ष 400 मिलियन टन प्लास्टिक उपयोग किया जाता है। उसमें से मात्र आधा ऐसा है, जिसे सिर्फ एक बार ही उपयोग करने के लिए बनाया जाता है। उसका भी 10 प्रतिशत से भी कम प्लास्टिक का रिसायकिल किया जाता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 19 से 23 मिलियन टन प्रदूषित प्लास्टिक नदियों, झीलों तथा समुद्र में समा जाता है। आज प्लास्टिक के उपयोग के चलते पृथ्वी पर बहुत सारी स्वास्थ्यगत समस्याएं खड़ी हैं। चन्देरिया लेड जिं़क स्मेल्टर मजदूर संघ महामंत्री घनश्याम सिंह राणावत ने बड का पेड़ लगाते हुए कहा कि पेड़ हमारे जीवन का अहम हिस्सा है, हमें पर्यावरण संरक्षण को निरंतर जीवन में अपनाना होगा। सह महाप्रबंधक पर्यावरण तरुण मेघवाल ने इस वर्ष 8 हजार पौधे लगाने के लक्ष्य की जानकारी दी जिसमे से 5 हजार से अधिक पौधे विश्व पर्यावरण दिवस पर लगाए गये है। हिन्दुस्तान जिं़क ने परिसर में वृक्षों की सघनता बढ़ाने की योजना बनायीं है जिसमे अलग अलग चरणों में पेड़ लगाने का लक्ष्य है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन भी किया गया। चंदेरिया लेड जिं़क स्मेल्टर सीएसआर के तहत् डगला का खेडा एवं आजोलिया खेडा के राजकीय विद्यालयों में आयोजित शिक्षा संबल समर कैम्प के विद्यार्थियों के लिये विज्ञान मॉडल, निबंध, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताएं आयोजित कर पर्यावरण सरंक्षणत हेतु जागरूक किया गया। जिं़क कौशल केंद्र के प्रशिक्षणार्थियों ने इस अवसर पर पौधरोपण किया। इस अवसर पर चंडी प्रसाद, अमित सुराणा, आदित्य सिंह, अनूप कुमार, जीएनएस चौहान अन्य अधिकारी एवं बिजनेस पार्टनर्स ने पौधरोपण किया। पर्यावरण विभाग से राहुल प्रताप सिंह, वाणी अरोड़ा, पी मनोज एवं अन्य अधिकारियो ने कार्यक्रम में सक्रिय योगदान किया। सीएसआर के तहत् डगला का खेडा एवं आजोलिया खेडा के राजकीय विद्यालयों में आयोजित शिक्षा संबल समर कैम्प के विद्यार्थियों के लिये विज्ञान मॉडल, निबंध, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताएं आयोजित कर पर्यावरण सरंक्षणत हेतु जागरूक किया गया। जिं़क कौशल केंद्र के प्रतिभागियों ने इस अवसर पर पौधरोपण किया। जलवायु सरंक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए आवश्यकता के अनुरूप, हिंदुस्तान जिंक ने अत्याधुनिक तकनीकों, कुशल संसाधन प्रबंधन और अपने संचालन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की सोर्सिंग में लगातार निवेश कर अग्रसर है। कंपनी 2050 तक नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने की दिशा परिवर्तनकारी हेतु निरन्तर आगे बढ रही है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य कंपनी के सस्टेनेबल लक्ष्यों के साथ शामिल है, जिसमें 2025 तक 5 गुना पानी सकारात्मक होना और 25 प्रतिशत तक शुद्ध जल के उपयोग को कम करना शामिल है, अपने संचालन के आसपास जैव विविधता की सोर्सिंग और सुरक्षा के साथ ही शत प्रतिशत सस्टेनेबिलिटी सुनिश्चित करना शामिल है।