विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया

विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया
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चित्तौडगढ़ । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी प्रताप नगर सेवा केंद्र पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया आशा दीदी आज पूरे भारत भर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है इससे होने वाले दुष्परिणाम से अवगत कराते हुए सेवा केंद्र संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने बताया कि हमें कैसे तंबाकू से होने वाले दुष्परिणाम के प्रति हमें जागरूक रहना चाहिए नशा ही है आज जो बीमारियां बढ़ रही है जानलेवा बीमारी धूम्रपान से होने वाले फेफड़ों का कैंसर तंबाकू बीड़ी सिगरेट हुक्का चिलम खैनी जर्दा कई प्रकार का मनुष्य शहर पी रहा है तंबाकू एक धीमा जहर है।

उन्होंने बताया इसका सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे-धीरे लत में परिवर्तन करके अनेक बीमारियों का आह्वान करती हैं उन्होंने बताया कि एक सिगरेट का सेवन करने से 6 मिनट की आयु कम होती है उन्होंने बताया कि राजयोग पद्धति एक ऐसी कला है जिससे अपने विचारों को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं और अनेक प्रकार के व्यसनों से मुक्त होने में मदद मिलती है और हम सहेज हैं राज्यों के द्वारा अपने कर्म इंद्रियों को जीत सकते हैं अपने मन को अपने कंट्रोल में कर सकते हैं इसके लिए प्रतिदिन राजयोग का अभ्यास हम अवश्य करें ताकि बुराइयों को इन जहरीले पदार्थों से हम स्वयं को बचा सके क्योंकि धीरे-धीरे इन देहरी लेती जो कि जब आदत लग जाती है कोई आदत छूट ना बहुत मुश्किल है 6 फुट का इंसान एक छोटी सी बीड़ी का गुलाम बन कर रह जाता है उन्होंने बताया कि राजयोग के अंदर वह कला सिखाई जाती है जिससे हम सहज ही अपने मन और बुद्धि को अपने अनुसार चला कर इससे होने वाले दुष्परिणाम से हम स्वयं को बचा सकते हैं इससे कई हमारा धन नष्ट होता है धन के साथ-साथ हमारे तन पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है परिवार पर और समाज पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है यदि हम सेवा केंद्र पर आकर राजयोग का अभ्यास सीखते हैं तो हम सहेज ही इन नशीले जहरीले पदार्थों से स्वयं को मुक्त कर सकते हैं माउंट आबू से पधारे राजयोगी बीके करण भाई ने बताया कि मनुष्य को कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए क्रोध में आकर बहुत सारे पाप कर्म कर लेते हैं गलतियां कर लेते हैं यदि हम स्वयं को शरीर नहीं बल्कि इसको चलाने वाली आत्मशक्ति जो कि शरीर की मालिक है मालिक समझकर हम चलते हैं । व्यवहार करते हैं तो हम क्रोध मुक्त बन सकते हैं ।उन्होंने सभी से संकल्प लिया कि हम क्रोध को अवश्य जीतेंगे यह विकार हमारा दुश्मन है और परमात्मा की याद से आत्म चिंतन और परमात्मा चिंतन से हमसे है जी इन विकारों को जीत सकते हैं।

उन्होंने बताया कि हमें प्रातः काल उठते हैं परमपिता परमात्मा शिव जो सर्वाेच्च शक्ति हैं सर्वशक्तिमान है सर्वशक्तिमान है स्वयंभू है उससे अपने मन बुद्धि के तार जोड़ ले और अपने मन को सशक्त बनाए ताकि हम इस क्रोध को इस दुश्मन को अपने जीवन से भगा सकें और अपना जीवन सुख-शांति संपन्न बना सके सभी से प्रण करवाया संकल्प दिलाया कि हम कभी भी क्रोध नहीं करेंगे।

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