सुर-ताल-हुनर के संगम के साथ युवा महोत्सव का समापन

सुर-ताल-हुनर के संगम के साथ युवा महोत्सव का समापन
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चित्तौड़गढ़ । जिला स्तरीय युवा महोत्सव के दूसरे और अंतिम दिन युवाओं में जबरदस्त जोश और उत्साह दिखाई दिया। प्रतियोगिताओं में आधुनिकता और पारंपरिकता की अनूठी जुगलबंदी दिखाई दी। शास्त्रीय और लोक नृत्य में पारंपरिक गानो पर युवाओं ने विस्मित कर देने वाला प्रदर्शन किया। 7 अगस्त से प्रारंभ जिला स्तरीय युवा महोत्सव का मंगलवार शाम समापन हुआ। समारेह के मुख्य अतिथ धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्निति प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री) श्री सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत एवं जिला कलक्टर  पीयूष समारिया समेत उपस्थित अतिथियों ने विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र और प्रतीक चिन्ह वितरित किए। स्थानीय इंदिरा प्रियदर्शनी ऑडिटोरियम में दो दिनों तक चले युवा महोत्सव में 20 विधाओं में जिलेभर के 500 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी कला, कौशल और हुनर का प्रदर्शन किया।

समापन कार्यक्रम को संबांधित करते हुए मुख्य अतिथि धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्निति प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री)   सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत ने कहा कि जिला स्तरीय युवा महोत्सव विविध कलाओं, संस्कृतियों, राजस्थान के लोगों के हुनर एवं कौशल को एक मंच पर लाने का सराहनीय कदम है। कलाक्षेत्र में इस प्रकार के आयोजन समृद्ध भारतीय संस्कृति के संवर्धन की आशा जगाते हैं। मुख्यमंत्री   अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार युवाओं के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर पीयूष समारिया ने कहा कि युवा महोत्सव का मुख्य उद्देश्य राजस्थान की विलुप्त होती राजस्थान की संस्कृति व कलाओं का संरक्षण एवं संवर्धन तथा युवाओं का सर्वांगीण विकास करना है।

आयोजन सचिव एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद दशोरा ने जिले के सभी ब्लॉकों से आए प्रतिभागियों, प्रभारियों के साथ ही जिला प्रशासन का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सामूहिक सक्रियता एवं समर्पण से ही यह आयोजन सफल रहा है।
 
कार्यक्रम का संचालन भावना गाडन, पूर्णिमा मेहता और पारस टेलर ने संयुक्त रूप से किया। आभार व्यक्त समसा के एपीसी लीला चतुर्वेदी ने एवं प्रतिवेदन समसा के कार्यक्रम अधिकारी नरेन्द्र शर्मा ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में जिला युवा महोत्सव के जिला संयोजक नितिन वर्मा, खेल अधिकारी गिरधारी सिंह चैहान, अनिल सोनी, विक्रम जाट, समसा से योगेश अडानिया, नरेन्द्र शर्मा, अनुराधा आर्य, रिंकू राव, प्रियांशी उपाध्याय सहित शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्मिक, विद्यार्थी उपस्थित रहे।

शास्त्रीय नृत्यों का अद्भुत मंचन
समारोह में शास्त्रीय नृत्य कत्थक, मणिपुरी, ओडिसी, भरतनाट्यम, कुचीपुड़ी की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को एकटक बांधे रखा। संगीत के साथ कलाकारों की भाव भंगिमाओं के सामंजस्य से प्रस्तुतियों ने सबको प्रभावित किया। महिषासुर मर्दन,गणेश वंदना और ईश्वर के प्रति आस्था के विभिन्न चरणों के जरिये शास्त्रीय नृत्य का मंचन प्रभावी रहा।
      
 जाडावत को भेंट किया पोर्ट्रेट 
समापन समारोह के दौरान राजकीय विद्यालयों के दो बच्चों ने  सुरेन्द्र सिंह जाडावत को हाथ से बना उनका स्वयं का पोर्ट्रेट भेंट किया। बाल कलाकारों की इस कला से   जाडावत भी प्रभावित नजर आए। आयोजकों द्वारा इन बाल कलाकारों का उपरना और पगड़ी पहनाकर सम्मान किया।  

जिला स्तरीय विजेता
जिला स्तरीय महोत्सव में हुई विभिन्न प्रतिस्पर्धा के तहत वन एक्ट प्ले में दीपिका सुथार एंड ग्रुप (चित्तौड़गढ़), मार्शल आर्ट में यश्विनी झाला (बडीसादडी), शास्त्रीय वाद्य यंत्र एकल में रवि पनुसा (निम्बाहेड़ा), राजस्थान की विलुप्त होती लोक कलाएं में वैशाली छीपा (चित्तौड़गढ़), थिम बेस्ड स्किट में अरसल खान एंड ग्रुप (निम्बाहेड़ा), योगा में देवराज सिंह भाटी (राशमी), पैनल चर्चा में नव्या नौशालिया (चित्तौड़गढ़), शास्त्रीय एकल गायन में कमला बारेठ (राशमी), समूह लोक नृत्य में कृष्णा मेनारिया एंड ग्रुप (डुंगला) प्रथम रहे।
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