हिंदुस्तान जिंक की माइनिंग अकादमी में कौशल से कुशल हो रहे युवा, देश में ही उपलब्ध हो रहे माइनिंग आपॅरेटर

हिंदुस्तान जिंक की माइनिंग अकादमी में कौशल से कुशल हो रहे युवा, देश में ही उपलब्ध हो रहे माइनिंग आपॅरेटर
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उदयपुर के जावर के नजदीक केसरिया गांव के बद्री लाल मीणा ने भूमिगत खदान मंे कार्य को अपना केरियर चुना था लेकिन उसमें बडी चुनौती थी उनकी अधुरी शिक्षाजो उनके सपनों को पूरा करने में बडी बाधा भी थी लेकिन जब वें अपनी मेहनत और लगन से हिंदुस्तान जिंक की जावर स्थित माइनिंग अकादमी से जुड़े तो उनका यह सपना पूरा हो गया। विश्व की सबसे पुरानी जस्ता खदानों के करीब के गाँव में पले-बढ़ेखनन उपकरण और खनन की दुनिया के प्रति उनका आकर्षण उन्हें जावर ग्रुप ऑफ माइंस में काम करने के लिए ले आया जहाँ वह बचपन से जाना चाहते थे। लेकिन उनकी जिज्ञासा की कोई सीमा नहीं थीहिंदुस्तान जिंक की खनन अकादमी और इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले अवसरों के बारे में जानने के बादबद्रीलाल ने कठोर प्रशिक्षणकक्षा सत्र और व्यावहारिक अनुभव के साथ भूमिगत खदान कर्मचारीमशीन ऑपरेटर के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया।

देश के युवा भविष्य के कार्यबल का प्रतिनिधित्व करते हैंऔर उनका कौशल विकास आत्मनिर्भरताआर्थिक विकास और देश के समग्र विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। युवाओं की रीस्किलिंगअपस्किलिंग और कौशल विकास सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और खनन क्षेत्र में इनका विशेष महत्व है। हिन्दुस्तान जिं़क खनन अकादमी की शुरुआत जून 2022 में भूमिगत मशीनीकृत एवं डिजिटल खदानों में कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता को पूरा करने और प्रवासियों पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से की गई। प्रवासी निर्भरता को कम करने और भारतीय खनन का चेहरा बदलने की शक्ति रखने एवं कौशल के माध्यम से प्रतिभा को शामिल करने के हिंदुस्तान जिंक के दृष्टिकोण के अनुरूपजावर में अकादमी से बीस ऑपरेटरों ने अब तक स्नातक की उपाधि प्राप्त की है।

जैसे-जैसे राष्ट्र बढ़ता हैकुशल जनशक्ति की आवश्यकता भी बढ़ती है। देश के सकल घरेलू उत्पाद उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि के साथकौशलरोजगार और आजीविका के लिये स्थानीय कौशल को विकसित करना इस अकादमी का लक्ष्य बन गया है। प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित आत्मनिर्भर भारत का दृष्टिकोण भी इस अकादमी का केंद्र बिंदु है। कंपनी का लक्ष्य राष्ट्र के विकास के लिए विदेशी धातुओं पर निर्भरता के साथ-साथ प्रवासी निर्भरता को कम करना है। इस पहल के माध्यम से समुदाय में कौशल विकसित करना है ताकि सामुदायिक भागीदारी से हमारे देश को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाया जा सके।

जावर गांव के हीकुन्दन सिंह भाटी भी पिता की तरह जावर ग्रुप ऑफ माइंस में कार्य करने की मंशा रखते थेउनका सपना भी विदेशी कर्मचारियों के समकक्ष कार्य करने का था जिसके लिये उन्होंने अकादमी में स्वयं का पंजीकरण कराया। अकादमी से मिले प्रशिक्षणसीखने और मार्गदर्शन से उन्हें ढेर सारी जानकारी मिली और उनमें और अधिक हासिल करने की इच्छा जागृत हुई। आज कुन्दन सिंह जावर गु्रप आॅफ माइंस में ड्रिल आॅपरेटर के पद पर कार्यरत हैजिन्हंे स्वयं और उनके पिता को इस पर गर्व है।

हिंदुस्तान जिंक माइनिंग अकादमी कक्षा और व्यावहारिक शिक्षाव्यावहारिक अनुभव और अनुभवी एक्सपर्ट के मार्गदर्शन से संचालित हैं। अकादमी से सतह और भूमिगत प्रशिक्षण के छह महीने के दौरानश्रमिक नवाचार कर सकते हैं और कौशल उन्नति के माध्यम से ड्रिल ऑपरेटर बन सकते हैं। पहले चार महीने सतह पर एवं दो महीने एक वरिष्ठ ऑपरेटर की देखरेख में भूमिगत मशीन प्रशिक्षण दिया जाता हैं।

इस कार्यक्रम को विभिन्न प्रावधानों द्वारा और मजबूत किया गया हैजैसे कि 3डी सिम्युलेटरजो एक उच्च तकनीक आभासी वास्तविकता उपकरण है जिसका उपयोग भारी मशीनरी में ऑपरेटरों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है। नियंत्रण परिचयप्रक्रिया अनुपालन आदि सहित अवधारणाओं के साथ-साथ कौशल के बारे में अपेक्षित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सिमुलेटर एक लागत प्रभावीसुरक्षित और कुशल तरीका साबित हुआ है। ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के प्रमुख तत्वों में से एक ऑपरेटर है शैडोइंगजिसमें उम्मीदवार वर्तमान जंबो ऑपरेटरों को बारीकी से देखते हैं जहां व्यापक व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होता है।

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