ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में वरदान साबित हो रहे जिंक कौशल केंद्र
चित्तौड़गढ़। चंदेरिया निवासी हेमंत कुमावत को ऑटोमोबाइल बिक्री में अपने करियर को आगे बढ़ाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आगे बढ़ने के लिए उन्होंने संचार, ग्राहक प्रबंधन और बिक्री में जिं़क कौशल केंद से 6-सप्ताह का प्रशिक्षण लिया। अपनी नई विशेषज्ञता के साथ, हेमंत मारुति सुजुकी में सेल्स एक्जीक्यूटिव के रूप में एक प्रतिष्ठित पद पर सफल रहे। उनके असाधारण संचार कौशल, रणनीतिक अनुनय तकनीक और ग्राहकों की संतुष्टि के प्रति समर्पण दूसरों को सफलता के मार्ग के रूप में कौशल विकास को अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। हुरड़ा गांव की रहने वाली पूजा सेन ने जिंक कौशल केंद्र से निहत्थे सुरक्षा गार्ड बैचने प्रशिक्षण लिया। पूजा ने अपने प्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अपने आत्मविश्वास से आज वह सिक्योरिटी के क्षेत्र में कार्य करते हुए परिवार की जिम्मेदारी निभा रही हैं। इनकी तरह ही हिन्दुस्तान जिं़क कौशल केन्द्र से जुड़कर हिन्दुस्तान जिं़क के 5 जिलों उदयपुर, राजसमंद, चित्तौडगढ़, भीलवाडा और अजमेंर के 5 हजार से अधिक ग्रामीण और शहरी युवा अपने सपनों को साकार करने की ओर अग्रसर है। हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा हमेशा से अपने परिचालन इकाईयों के आस पास के क्षेत्र के समुदाय का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण प्राथमिकता में रहा है, जिसके लिए विभिन्न परियोजनाओं का संचालन शिक्षा, स्वास्थ्य और आवश्यकता आधारित कार्यक्रमों के अनुकूल किया जा रहा है। जिम्मेदार उद्योग के रूप में सीएसआर के तहत् हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा विशेष रूप से स्थानीय ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार से जोडने के लिए जिं़क कौशल केंद्र द्वारा उनके भविष्य को सुदृढ़ करने हेतु प्रयास किये जा रहे है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के कंपनी के प्रयासों से करीब 5248 से अधिक युवाओं को कौशल विकास से जोडने और उनमें से 4350 से अधिक के रोजगार एवं उद्यमी के रूप में कार्यरत होने से सफलता की ओर अग्रसर होते नजर आते है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रो में बेराजगारी का मुख्य कारण युवाओं में कौशल की कमी है। इसे दूर करने के लिये हिंदुस्तान जिंक ने अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन, टाटा स्ट्राइव और वेदांता फाउंडेशन के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में हिन्दुस्तान जिं़क के कौशल विकास कार्यक्रम संचालित किया है। ये संगठन स्थानीय युवाओं के लिए उपलब्ध रोजगार के अवसरों के साथ-साथ युवाओं की रुचि के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों की पहचान कर भौगोलिक क्षेत्रों में मूल्यांकन सर्वेक्षणों के अनुसार कार्यक्रम की शुरुआत करते है। जिंक कौशल केंद्रों में यह महत्वपूर्ण है कि युवा स्वयं किस पाठ्यक्रम या क्षेत्र मंे रूचिकर है। वर्ष 2019-20 में स्थापित दरीबा और आगुचा के बाद अब ये कौशल केंद्र जावर, देबारी, कायड़, चंदेरिया और पंतनगर में भी संचालित है। केंद्र में नामांकित अधिकांश प्रशिक्षु नियमित शिक्षा का हिस्सा नहीं हैं। वे ज्यादातर ड्रॉपआउट हैं, इसलिए संस्थान उन्हें सॉफ्ट स्किल, जीवन कौशल और आईटी कौशल के साथ-साथ उन्हें रोजगार योग्य बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल प्रदान करता है। इन केंद्रो में युवाओं को जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, माइक्रोफाइनेंस एक्जीक्यूटिव, इलेक्ट्रीशियन, सिक्योरिटी गार्ड, रिटेल सेल्स एग्जीक्यूटिव, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट, फूड एण्ड बेवरेज सेवाएं, फ्रंट ऑफिस एसोसिएट, बीएफएसआई-बिजनेस डेवलपमेंट एक्जीक्यूटिव, ऑटो सेल्स कंसल्टेंट जैसे पदों के लिये प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यदि प्रशिक्षण की बात की जाए तो 400 घंटे के सहायक इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में मुख्य इलेक्ट्रीशियन की सहायता के लिए प्रशिक्षण कर्मियों को शामिल किया गया है। इसमें इलेक्ट्रिकल बेसिक्स, इलेक्ट्रिकल टूल्स हैंडलिंग, सिंगल और ट्रिपल फेज वायरिंग और ट्रबल शूटिंग का अध्ययन शामिल है। इसी प्रकार जनरल ड्यूटी असिस्टेंट में रोगी की देखभाल का व्यावहारिक प्रशिक्षण, नर्स की सहायता, स्वच्छ अस्पताल के वातावरण को बनाए रखना आदि शामिल है। अर्नआम्ड सुरक्षा गार्ड की निजी गार्ड ट्रेनिंग, आपातकालीन बचाव, सीसीटीवी निगरानी, प्राथमिक चिकित्सा और अग्नि आपात से जुड़े 270 घंटे कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है। माइक्रोफाइनेंस कार्यकारी प्रशिक्षण बैंकिंग, वित्त, बीमा और अन्य वित्तीय संस्थानों जैसे स्वयं सहायता समूह में कार्य की जानकारी देता है। डेटा एंट्री ऑपरेटर प्रशिक्षण विस्तृत बुनियादी और अग्रिम कंप्यूटर ज्ञान, एमआईएस हैंडलिंग, प्रलेखन आदि प्रदान करता है। कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ट्रेड में टेली मार्केटिंग,टेली कम्युनिकेशन में प्रशिक्षण कार्मिक, बातचीत कौशल, ग्राहक संबंध प्रबंधन आदि शामिल हैं। रिटेल सेल्स एसोसिएट ट्रेड में मार्केटिंग सेल्स, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट आदि में प्रशिक्षण कर्मियों को शामिल किया जाता है। इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षुओं को अंग्रेजी, कंप्यूटर और जीवन कौशल में भी प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को कंपनी के एक्सपोजर विजिट, जॉब ट्रेनिंग, गेस्ट लेक्चर, प्रोजेक्ट्स आदि से संपूर्ण कार्यप्रणाली से अवगत किया जाता है। प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद, उन्हें रोजगार से जोड़ने में हर संभव सहायता दी जाती है, साथ ही इस प्लेसमेंट के उपरांत अनुगमन कर दो वर्षाे तक उन्हें परामर्श एवं सहायता भी प्रदान की जाती है।