महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बीमारी से एक और जान गई, मिले 16 नए मरीज, 20 वेंटिलेटर पर
महाराष्ट्र में दुर्लभ बीमारी ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) के संक्रमित मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में जीबीएस के मरीजों की संख्या 127 पहुंच गई है। पुणे में जीबीएस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती जीबीएस पीड़ित 56 वर्षीय महिला की मौत की खबर है। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से यह दूसरी मौत है। इससे पहले सोलापुर में 40 वर्षीय सीए की जीबीएस के संक्रमण से मौत हुई थी।
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में इस दुर्लभ तंत्रिका विकार के 16 नए मामले सामने आए हैं। बुधवार को पुणे में एक महिला की मौत हो गई, उसे जीबीएस होने का संदेह है। अधिकारियों ने बताया कि म्र्तक महिला अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थी।
इससे पहले पुणे से अपने घर सोलापुर गए सीए की रविवार को संदिग्ध रूप से जीबीएस की चपेट में आने से मौत हो गई। परिजनों ने सर्दी, खांसी और सांस लेने में दिक्कत होने पर 18 जनवरी को उन्हें सोलापुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के विज्ञप्ति के मुताबिक, महाराष्ट्र में अभी तक जीबीएस के 127 संदिग्ध मरीज मिले हैं। उनमें से नौ पुणे जिले के बाहर के हैं। बुधवार को जीबीएस के 16 नए मामले सामने आए। 20 मरीज फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं।
रोग प्रतिरोधी क्षमता संबंधी इस विकार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसे देखकर राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार भी अलर्ट मोड पर है। 7 सदस्यीय केंद्रीय उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ टीम बनायीं गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम ने भी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। राज्य सरकार ने संक्रमित मरीजों का मुफ्त इलाज करने की घोषणा की है।