डॉक्टर की एसएसओ आईडी हैक कर सिलकोसिस बीमारी के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का खुलासा, सरगना व दलाल गिरफ्तार

डॉक्टर की एसएसओ आईडी हैक कर सिलकोसिस बीमारी के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का खुलासा, सरगना व दलाल गिरफ्तार
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भीलवाड़ा बीएचएन। भीलवाड़ा के डॉक्टर विजयकुमार माहेश्वरी की एसएसओ आईडी हैक कर सिलकोसिस बीमारी के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का साइबर थाना पुलिस ने खुलासा किया है। इस मामले में मुख्य सरगना व एक दलाल को गिरफ्तार कर इंटरनेट डाटा एक्सपेरिमेंट वाला मोबाइल व वारदात में काम लिया लैपटॉप बरामद किया है। पुलिस ने दोनों आरोपितों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।

साइबर थाना सूत्रों के अनुसार पुराना हाउसिंग बोर्ड शास्त्रीनगर निवासी डॉक्टर विजयकुमार माहेश्वरी ने 22 फरवरी 24 को इस्तगकासे के जरिये रिपोर्ट दर्ज करवाई कि वे, राजकीय महात्मा गांधी चिकित्सालय में वर्ष 2016 से 26 जनवरी 24 तक रेडियोलॉजी विभाग में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। उनकी एम्पलोई आईडी जिसमें लॉगिन होने पर ही कम्प्यूटर की साईट ओपन होती है । उक्त साईट में विभाग के द्वारा ओटीपी सिस्टम भी नहीं बना रखा था, जिसके कारण परिवादी की एम्पलोई आईडी एवं पासवर्ड को फ्रॉड कर दुरुपयोग कर लिया। एम्पलोई आईडी की जानकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, कार्यालय महात्मा गांधी भीलवाडा तथा सिलकोसिस पोर्टल और विशेष योग्यजन एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता विभाग व डी.ओ.आई. टी. विभाग के अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियो को भी रहती है। डॉक्टर माहेश्वरी ने रिपोर्ट में बताया कि 09 जुलाई 2023 को उनके मोबाईल पर अज्ञात मोबाईल नम्बर से मिस कॉल आया, उस समय वे, घर पर ही थे।इस पर परिवादी के इस नंबर पर कॉल करने पर उसने बताया कि वह दौसा जिले से डॉ. मनोज बोल रहा है । उसने पूछा कि तुमने कुछ समय पूर्व किसी सिलकोसिस पोर्टल पर एक्सरे रिपोर्ट को प्रमाणीकरण / वेरीफाई किया है क्या? इस पर परिवादी ने रिपोर्टिंग नहीं करने की बात कही। इस बातचीत के बाद परिवादी की एसएसओ आईडी एवं पास्वर्ड के हेक होने का संदेह होने पर परिवादी ने तत्काल चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियो एव नियंत्रण अधिकारियों को बताया तथा लिखित रिपोर्ट भी दी। सिलिकोसिस नई गाईडलाईन के अनुसार प्रारंभिक स्तर एवं अपीलीय मामलो में एक्सरे ईमेज पृथक-पृथक होनी चाहिये किन्तु अधिकांश मामलो में प्राथमिक स्तर की एक्सरे ईमेज का ही पुन: असल के रूप में अपीलीय प्रकरण में उपयोग कर सिलिकोसिस पोर्टल पर फोड की नीयत से अपलोड कर दिया गया,जो कि गाईडलाईन की स्पष्ट अवहेलना है । गाईडलाईन के अनुसार रोगी की जांच में प्रारंभिक स्तर पर एक्सरे इंगेज रिजेक्ट होने पर अपील करने पर नई एक्सरे ईमेज होनी जरूरी है लेकिन आरोपितों ने पुरानी एक्सरे ईमेज को ही नई एक्सरे ईमेज असल के रूप में बताकर पोर्टल पर अपलोड करके धोखाधड़ी कर ली। परिवादी दौसा जिले में कभी भी पदस्थापित नहीं रहा है। दौसा के संगठित गिरोह ने आपराधिक षडयंत्र रचकर परिवादी की एसएसओ आईडी को हैक कर सिलिकोसिस पोर्टल पर एक्सरे ईमेज का प्रमाणीकरण परिवादी को बदनाम करने, झंूठा फंसाने एवं केरियर बर्बाद करने की नीयत से किया।

इस रिपोर्ट पर केस दर्ज किया गया। जिसकी जांच के लिए डीएसपी हरजीलाल यादव ने बतायायादव के नेतृत्व में टीम गठित की गई। इस टीम में दीवान राजेश कुमर, राजेंद्रकुमार मीणा, कांस्टेबल रामप्रसाद को शामिल किया गया। साइबर थाने की टीम ने उक्त संदिग्ध मोबाईल नम्बरों की काल डिटेल्स व लोकेशन प्राप्त कर संदिग्ध आरोपियों को दौसा से राउण्डअप किया। इस मामले में सरगना मोहचिंग्पुरा, दौसा निवासी नरेंद्र कुमार 27 पुत्र रतनलाल सैनी व दलाल चांदराना दौसा निवासी आशिक कुमार 29 पुत्र सत्यनारायण भार्गव को गिरफ्तार कर वारदात में काम लिया गया इंटरनेट डाडा प्रयोग वाला मोबाइल व लैपटॉप जब्त कर लिया। दोनों आरोपितों को पुलिस ने अदालत के आदेश से न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।

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