स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, पहले मामले की पुष्टि: मंकीपॉक्स की भारत में भी दस्तक
मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) का संक्रमण अब भारत में भी दस्तक दे चुका है। रविवार (8 सितंबर) को भारत में मंकीपॉक्स के पहले संदिग्ध रोगी की पहचान की गई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक उसने हाल ही में मंकीपॉक्स का संक्रमण झेल रहे एक देश की यात्रा की थी। फिलहाल उसे संक्रमण के लिए निर्धारित किए गए अस्पताल में आइसोलेट किया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की सलाह दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को संदिग्ध व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि करते हुए कहा कि उसने हाल ही में ऐसे देश की यात्रा की थी जहां इस रोग का भयंकर प्रकोप जारी है। इस आधार पर देश में एमपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि यात्रा से संबंधित संक्रमण के रूप में हुई है। रोगी का आइसोलेशन में प्रोटोकॉल के अनुसार प्रबंधन और इलाज किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा ये मामला अलग
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, जिस व्यक्ति में संक्रमण की पहचान की गई है उसकी सैंपल रिपोर्ट में क्लेड-2 स्ट्रेन वाला वायरस पाया गया है। ये जुलाई 2022 से भारत में रिपोर्ट किए गए एमपॉक्स के 30 मामलों के जैसा ही है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स के क्लेड-1 स्ट्रेन से बढ़ते खतरे को देखते हुए मंकीपॉक्स को स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। ये मामला उससे अलग है। फिलहाल रोगी की हालत स्थिर है और उसे पहले से किसी तरह की कोमोरबिडिटी भी नहीं है।
एमपॉक्स (मंकीपॉक्स), मंकीपॉक्स वायरस से होने वाला एक संक्रामक रोग है। इससे दर्दनाक दाने, बढ़े हुए लिम्फ नोड्स के साथ तेज बुखार हो सकता है। इसका प्रकोप मुख्यरूप से समलैंगिक, बाइसेक्सुअल लोगों में अधिक देखा जाता रहा है।
बचाव के उपाय जरूरी
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पोस्ट में बताया, एमपॉक्स का संक्रमण यौन संपर्कों को अलावा प्रभावित वस्तुएं, संक्रमित के निकट संपर्क और शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से भी फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुएं जैसे कपड़े, चादर, तौलिए आदि के इस्तेमाल से बचें। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के संपर्क में आने से भी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। सामुदायिक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।