भागवत कथा में किया कृष्ण रुक्मिणी विवाह विवाह का वाचन

Update: 2024-06-23 13:05 GMT

सवाईपुर (सांवर वैष्णव) । कस्बे में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा शनिवार रात्रि को कृष्ण रुक्मिणी विवाह का वाचन किया गया, जिसमें पंडित कमलेश शास्त्री ने कहा कि ईश्वर की भक्ति बचपन से ही शुरू होनी चाहिए । आयोजक कर्ता सत्यनारायण श्रौत्रिय ने बताया कि सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा पंडित कमलेश शास्त्री के मुखारविंद से शनिवार रात्रि को रुक्मणी मंगल की कथा का वाक्य किया गया, रुक्मिणी ने बचपन से ही कृष्ण को ही अपना पति मान लिया, अतः ईश्वर की भक्ति बचपन से ही शुरू होनी चाहिए, पूर्व महारास लीला का वर्णन हुआ, जीव और ईश्वर का मिलान हीं महाराज, महारास, मथुरा गयन, कंस उद्धार, उपद्रव गोपी संवाद, द्वारिका का निर्माण एवं कृष्ण रुक्मणी के विवाह का वर्णन किया गया, कथा में भक्तों ने भगवान के विवाह का खूब आनंद लिया और भजनों पर भक्ति जनों ने भाव नृत्य किया, कथा के आयोजक बंशीलाल श्रौत्रिय, सत्यनारायण श्रौत्रिय, जगदीश श्रौत्रिय ने सामूहिक आरती कर प्रसादी का वितरण किया । भागवत कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे ।

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