विद्यालय से कम से कम बच्चे ड्रॉपआउट हो, ताकि वे बाल श्रम में लिप्त न हो पाए- बाल आयोग सदस्य
भीलवाड़ा बीएचएन । राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ध्रुव कुमार कविया ने कहा कि विद्यालय से कम से कम बच्चे ड्रॉप आउट हो, ताकि वे बाल श्रम में लिप्त न हो पाये। यह बात उन्होंने भीलवाड़ा जिले में बाल अधिकार संरक्षण, बाल विवाह एवं बाल श्रम की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ आयोजित बैठक में कही।
धू्रव ने कहा कि बच्चो के अधिकारों के संरक्षण के लिए बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड एवं चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की जागरूकता हर विद्यालय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में करने की आवश्यकता है, ताकि बच्चो की सहायता के लिए संपर्क किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों के उचित उपचार के लिए हर तहसील स्तर पर कुपोषित केंद्र का होना आवश्यक ह,ै ताकि कुपोषित बच्चों को उचित उपचार मिल सके। धू्रव ने कहाकि आयोग द्वारा बच्चो की हर संभव सहायता की जा रही है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह रोकथाम के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर जानकारी आवश्यकरूप से दें ताकि बाल विवाह रोका जा सके। सूचना देने वालों का नाम भी गोपनीय रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि बच्चो के लिए संचालित सभी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी हर विद्यालय एवं समुदाय तक पहुंचे ताकि बच्चो को योजनाओं का लाभ मिल सके।
बैठक में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष चंद्रकला ओझा, सदस्य विनोद राव, जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग के गौरव सारस्वत, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त परियोजना समन्वयक दिनेश कोली, महिला बाल अधिकारिता विभाग की सीडीपीओ कल्पना मालव, स्थाई लोक अदालत के शांति लाल जैन, मानव तस्करी विरोधी इकाई के सलीम मोहम्मद, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के परियोजना समन्वयक हेमंत सिंह सिसोदिया, नवाचार संस्थान के अरुण कुमावत, जितेंद्र तोमर, भगवत सिंह चारण, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।