अर्द्ध-घुमंतू परिवारों के लिए न्यास द्वारा भूमि को चयन कर स्थाई बसावट की मांग

Update: 2025-04-30 11:28 GMT
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भीलवाड़ा। गाड़िया लौहार परिवार का मेवाड़ के इतिहास में एक अलग स्थान है, महाराणा प्रताप के साथ इन्होंने अपने घरों को त्याग कर मेवाड़ की आन-बान-शान के लिए सब कुछ न्यौछावर कर दिया था, उसके बाद भी आज तक यह परिवार इधर से उधर बेघर भटकते रहते है। विमुक्त, घुमंतू व अर्द्ध-घुमंतू समुदाय के सशक्तिकरण एवं आश्रय उपलब्ध कराने की मांग को लेकर शहर विधायक अशोक कोठारी ने जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू को पत्र लिखा है। मीडिया प्रभारी पंकज आडवाणी ने बताया कि, राजस्थान गाड़िया लौहार युवा विकास संस्थान के सदस्यों द्वारा कार्यालय पर उपस्थित होकर प्रार्थना पत्र दिया था, उसमे लिखा था कि स्थाई रूप से रहने के भूमि आवंटन हो तथा स्थाई बसावट के अभाव में बच्चों का शैक्षणिक व आर्थिक विकास नहीं हो पा रहा है।

राजस्थान सरकार द्वारा बजट 2025-26 में विमुक्त, घुमंतू व अर्द्ध-घुमंतू समुदाय के सशक्तिकरण व उत्थान की दृष्टि से ''दादूदयाल घुमंतू सशक्तिकरण योजना'' प्रारम्भ करने की घोषणा भी हुई थी। इस घोषणा पर 60 करोड़ रुपये का व्यय के साथ ऐसे परिवारों को आश्रय उपलब्ध कराने के लिए आगामी वर्ष में 25 हजार पट्टे वितरित किये जाना भी प्रस्तावित है।

विधायक कोठारी ने आग्रह करते हुए कहा कि सरकार की मंशा अनुसार नगर विकास न्यास द्वारा भूमि आवंटित कर विमुक्त, घुमंतू व अर्द्ध-घुमंतू परिवारों को स्थाई बसावट किया जाए, जिससे कि यह समाज की मुख्य धारा के साथ जुड़ सकेंगे।

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