विदेशी मेहमानों को पसंद आए भीलवाड़ा के शादी समारोह के रीति रिवाज
भीलवाड़ा (हलचल)। विदेशी मेहमान भी अब भीलवाड़ा की संस्कृति को पसंद करने लगे हैं । पूरी दुनिया में भारत अपनी छाप छोड़ रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पत्रकार कैलाश त्रिवेदी की भतीजी और सुमन-राजकुमार त्रिवेदी की सुपुत्री की शादी में दुल्हन की सहेलियां और मित्र भी शामिल होने यहां पहुंचे हैं। उन्होंने शादी की रस्मों को काफी लाजवाब बताते हुए यहां के प्यार और परंपराओं को अच्छा बताया है।
देखा जाता है कि भारतीय युवा आधुनिकता के चलते विदेशी संस्कृति को अपनाते हैं। तो वहीं, कुछ युवा ऐसे भी होते हैं, जो विदेश में पढ़ने, रहने के बाद भी अपने देश के कल्चर को ही पसंद करते हैं। भीलवाड़ा में जन्मी सुरभि त्रिवेदी अमेरिकन कंपनी में काम करने के बाद भी उन्होंने अपनी परम्परा में ही कंपनी के अनिरुद्भ गुंजाल से रिश्ता जोड़ा है। इस मौके पर अमेेरिका से आई नेस्टो ने हलचल से बातचीत करते हुए कहा उन्हें भारतीय संस्कृृति अच्छी लगी है, सभी एक दूसरे से जुड़े हुए है जो एकता का संदेश देता है । यहां हल्दी का कलर पहनते है वह खुशी का प्रतीक है । चाइना में रेड कलर को लक्की मानते है । उन्होंने भारतीय रीति रिवाज को अच्छा बताया है । उनके साथ आई टिपणी ने भी यही बात कही है । जबिक पुरूष मित्र भी भारतीय संस्कृति से काफी प्रभावित नजर आये ।
सुरभि की शादी में पूरे हिंदू रीति रिवाज के अनुसार सभी कार्यक्रम को निभाया गया। जिसमें मेहंदी, हल्दी और महिला संगीत की रस्म भी शामिल रही। सभी रस्म में दुल्हन पक्ष की ओर से विदेशी मेहमान भी शामिल रहे। उन्होंने भी सभी रस्मों का लुत्फ उठाया। देखा जा रहा है कि भारतीय संस्कृति को भी अब विदेशी लोग अपना रहे हैं। भीलवाड़ा के ही एक रिसॉर्ट में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार हुई इस शादी की सभी रस्मों में विदेशी मेहमानों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया ।