हरणी वृद्धाश्रम में भक्ति की बयार, श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य शुभारंभ

भीलवाड़ा । शहर के मंगरोप रोड स्थित ओम शान्ति सेवा संस्थान वृद्धाश्रम बुधवार को भक्ति और श्रद्धा के अद्भुत संगम का साक्षी बना। श्री निबार्क पारमार्थिक सेवा संगठन (ट्रस्ट) के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य शुभारंभ हुआ, जिसकी शुरुआत हरणी महादेव मंदिर से निकली भव्य विशाल कलश शोभायात्रा के साथ हुई। सुबह 10 बजे, हरणी गांव की सैकड़ों महिलाओं ने उत्साह और भक्ति के रंग में रंगी इस शोभायात्रा में भाग लिया। अपने सिर पर सजे मंगल कलशों को धारण किए, महिलाएं भक्तिमय भजनों की मधुर धुनों पर थिरकती हुईं कथा स्थल की ओर आगे बढ़ीं। इस दिव्य यात्रा के दौरान वातावरण पूरी तरह से भक्ति और श्रद्धा के रस में डूबा हुआ था। श्रद्धालुओं द्वारा लगाए जा रहे भगवान कृष्ण के जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो रहा था, जो हर किसी के मन में एक अलौकिक आनंद का संचार कर रहा था।
दोपहर में कथा मंडप में श्रीमद् भागवत कथा का विधिवत शुभारंभ हुआ। निम्बार्क आश्रम के महंत, कथावाचक मोहनशरण शास्त्री ने अपनी ओजस्वी वाणी से भागवत महात्म्य का सारगर्भित वर्णन किया। उन्होंने भागवत कथा के श्रवण के महत्व और इसके अनगिनत लाभों पर विस्तार से प्रकाश डाला, जिसे सुनकर उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। शास्त्री जी ने कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि यह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि जीवन को सही दिशा और परम आनंद की ओर ले जाने का एक दिव्य मार्ग है। यह कथा प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी, जिसमें श्रीमद् भागवत के विभिन्न भक्तिमय प्रसंगों का रसपान कराया जाएगा। श्रद्धालुओं को शुकदेव-परीक्षित संवाद, अनेक भक्तों के पावन चरित्र, भगवान के विभिन्न अवतारों की मनोहारी कथाएं और भगवान श्रीकृष्ण की मनमोहक लीलाओं का श्रवण करने का अवसर मिलेगा।
आयोजन समिति के विपिन दीक्षित ने इस अवसर पर बताया कि कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र का मार्मिक वर्णन और फूलों की होली विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि समिति ने सभी श्रद्धालुओं से कृष्ण जन्मोत्सव के पावन अवसर पर पीले और रुक्मणी विवाह के दिव्य दिन लाल वस्त्र धारण कर इस उत्सव की दिव्यता को और बढ़ाने का आग्रह किया है। इस भव्य शुभारंभ और कलश यात्रा में उमड़ी श्रद्धा ने यह स्पष्ट कर दिया कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ न केवल हरणी वृद्धाश्रम के निवासियों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव साबित होगा। यह आयोजन भक्ति, ज्ञान और सामुदायिक सद्भाव का एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।