भीलवाड़ा \उज्जैन। मौन तीर्थ हिंदी विद्यापीठ, उज्जैन के तत्वावधान में दिनांक 13 एवं 14 दिसंबर 2025 को आयोजित पंचम वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर सनातन धर्म के प्रखर वक्ता, साहित्यकार, समाजसेवी एवं ज्योतिष विद्वान जीवन विसावा को “विद्या वाचस्पति(पी. एच. ड़ी.) (मानद)” उपाधि से सम्मानित किया गया।
यह गरिमामयी समारोह महामंडलेश्वर डॉ. सुमना नन्द जी गिरि के पावन सानिध्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अर्चना सुमन ने की, जबकि डॉ. अनिल प्रधान ने संयोजक के रूप में आयोजन का कुशल संचालन किया। विशेष रूप से डॉ. विद्या सागर उपाध्याय, राष्ट्रीय समरसता प्रमुख, मौन तीर्थ हिंदी विद्यापीठ की उपस्थिति ने अधिवेशन को वैचारिक गरिमा प्रदान की।
सम्मान प्रदान करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जीवन विसावा ने अपने प्रवचनों, साहित्यिक सृजन, सामाजिक कार्यों एवं सनातन मूल्यों के प्रचार-प्रसार के माध्यम से समाज को दिशा देने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। उनका योगदान हिंदी भाषा, भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना के क्षेत्र में उल्लेखनीय रहा है।
जीवन विसावा ने सम्मान स्वीकार करते हुए कहा कि यह उपाधि उनके लिए व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति, हिंदी साहित्य और समाज सेवा के लिए समर्पित सभी साधकों का सम्मान है। उन्होंने मौन तीर्थ हिंदी विद्यापीठ एवं समस्त विद्वत समाज के प्रति आभार व्यक्त किया।
दो दिवसीय अधिवेशन में देशभर से आए विद्वानों, साहित्यकारों एवं सामाजिक चिंतकों ने सहभागिता की। यह आयोजन हिंदी साहित्य, सांस्कृतिक समरसता और आध्यात्मिक मूल्यों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ।
