भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखना प्रत्येक नागरिक का परम कर्तव्य

By :  vijay
Update: 2025-05-16 10:52 GMT
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 भीलवाड़ा । संत दयाचैतन्य और संत राजेश्वरानंद इन दिनों रामधाम में प्रवास कर रहे हैं। शुक्रवार को आयोजित धर्म सभा में दोनों संतों ने राष्ट्र एकता के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखना प्रत्येक नागरिक का परम कर्तव्य है। संत दया चैतन्य ने विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के सम्मान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत अपनी विविधता में एकता के लिए जाना जाता है और हमें इस विशेषता को अक्षुण्ण रखना चाहिए। उन्होंने युवाओं से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। संत राजेश्वरानंद ने अपने विचारों में सामाजिक समरसता और भाईचारे के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आपसी प्रेम और सद्भाव से ही एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण संभव है। उन्होंने लोगों से जाति, धर्म और भाषा के बंधनों से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में कार्य करने की प्रेरणा दी। दोनों संतों के विचारों ने उपस्थित श्रद्धालुओं को राष्ट्र एकता के प्रति जागरूक किया।

श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट के सचिव अभिषेक अग्रवाल, राकेश सिंहल, नवरतन पारीक, कृष्णगोपाल कचौलिया, ने संतों का अभिनंदन किया। ट्रस्ट का साप्ताहिक रामायण पाठ 18 मई, रविवार को दोपहर 3 बजे से शाम 5.30 बजे तक बड़े मंदिर के पीछे गोपालद्वारा में आयोजित किया जाएगा।

पाठ प्रभारी शिवप्रकाश लाठी ने बताया कि प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाले इस रामायण पाठ में रामायण की चौपाइयों का सामूहिक गान, रामायण पर अंत्याक्षरी, हनुमान चालीसा, कीर्तन आदि होंगे, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक शांति मिलेगी। उन्होंने सभी धर्मप्रेमी बंधुओं से इस साप्ताहिक आयोजन में सादर सम्मिलित होने का आग्रह किया है।

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