रायपुर गांव भगवान भरोसे, ना पंचायत ना नगर पालिका और ना ही कोई कानून व्यवस्था, आमजनता का दुखड़ा किसे कहे कोई सुनने वाला नहीं

रायपुर (विशाल वैष्णव) भीलवाड़ा जिले का रायपुर गांव जो कहने को उपखण्ड व तहसील मुख्यालय है मगर अगर प्रशासनिक दृष्टिकोण से सफाई व प्रकाश व लाईट व्यवस्था कि बात करे तो शुन्य मात्र है। चुकि बतादे कि रायपुर ग्राम पंचायत को तत्कालीन काग्रेस सरकार कि विद्यायक गायत्री त्रिवेदी कि अनुशंसा पर गहलोत सरकार के स्वायत शासन विभाग के आदेश क्रमांक प.10 डीएलबी/23/905 दिनांक 19/04/2023 को बिना जनमत राय के ग्राम पंचायत रायपुर को पंचायत से चतुर्थ श्रेणी कि नगर पालिका मे क्रमोनित कर दिया था जिसको लेकर ग्रामवासियो ने कड़ा विरोध प्रदर्शन किया जिसको लेकर सत्ता परिवर्तित होते ही भजन लाल सरकार ने विधायक लादु लाल पितलिया कि अनुशंसा पर ग्रामवासियो कि मांग पूरी करते हुए पुनः नगरपालिका रायपुर को स्वायत शासन विभाग के आदेश क्रमांक प.10 नपा.गठन डीएलबी/24/7661 दिनांक 26/03/2025 को नगर पालिका से ग्राम पंचायत मे क्रमोनित कर दिया। वर्तमान समय मे सम्पूर्ण राजस्थान मे पंचायतीराज संस्थाओ का कार्यकाल समाप्त हो चुका है जिसको लेकर राज्य सरकार के ग्रामीण विकास एंव पंचायतीराज विभाग के आदेश एफ 15 प्रशासक/विधि/पंरा/2025/05 जयपुर दिनांक 16/01/2025 द्वारा जिन ग्राम पंचायतो का कार्यकाल दिनांक 31/01/2025 तक समाप्त हो रहा है उनके चुनाव सम्पन्न नही हो पाए उन पंचायतो मे निर्वतमान संरपचो को प्रशासक नियुक्त किया गया। जिसमे जिला कलेक्टर को अधिकृत किया गया वह प्रशासक नियुक्त कर प्रशासकीय समितियो का गठन कर सुचारू रूप से पंचायतीराज संस्थाओ का संचालन पूर्ववृत सुचारू किया जावे। मगर उक्त आदेश पश्चात् राजस्थान राज्य मे 12 नवगठित नगर पालिका से ग्राम पंचायत बनी पंचायतो जिसमे ज्यादातर पंचायतो मे कार्य पूर्ववृत चालु हो चुका। मगर रायपुर ग्राम पंचायत को एंसा लगता है किसी तांन्त्रिक कि नजर सी गई हो जिसकी कोई सुनने वाला नही है विगत दिनांक 15 अप्रैल को निर्वतमान संरपच/अध्यक्ष इजीं रामेश्वर लाल छीपा ने जिला कलेक्टर,मुख्यकार्यकारी अधिकारी,व उपखण्ड अधिकारी को पत्र लिखकर व्यक्तिगत गांव कि पीड़ा बताई जिसपर अधिकारीयो ने कहा कि हमने मार्गदर्शक के लिए उच्च अधिकारियो को अवगत करा दिया है। जैसे ही कोई सूचना आती है। रायपुर ग्राम पंचायत का कार्य सुचारू रूप से प्रारम्भ कर दिया जायेगा। उधर रायपुर ग्राम पंचायत कि जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है। सफाई व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था और मुख्य रूप से जन्म मुत्यू जैसै अतिआवश्यक प्रमाण पत्रो के लिए बेचारी आमजनता रो रही है। अपना दुखड़ा किस हुकमरान को सुनाए कोई सुनने वाला नही है। अगर कोई भुला भटका ग्राम पंचायत मे चला जाए तो पंचायत के तालो पर लगी सीलो को देखकर ऐसे दुम हिलाकर वापिस लोटता है जैसे किसी अनजान जगह आ गया हो । पूर्व नगरपालिका के कार्मिको ने ग्राम पंचायत पर ताला लगाकर सीले लगादी। तब से कोई भी निर्वतमान संरपच या वार्डपंच या कोई पूर्व कार्मिक पंचायत मे जाने कि नही सोच सकता। अगर सफाई व्यवस्था ,प्रकाश व्यवस्था कि बात करे तो ग्राम पंचायत के प्रभुख चौराये गन्दगी के ढेर से लदे है। विवाह स्थल,वाटिका ,नोहरे के पास कोई बिना मास्क नही निकल सकता ,नाली नाले कचरो से फुल भरे है। सड़न बदबू इतनी कि कोई जोर से सांस ले ले तो बीमार पड़ जाये। करीब दो माह से पूर्ण रूप से बन्द पड़े कार्यालय मे अतिआवश्यक जन्म मुत्यू प्रमाण पत्र जिनकी अवधि 21 दिन के भीतर सूचना देकर प्राप्त करना होता है मगर आलम यह है कि पंचायत का कोई धणी धोरी नही होने से अतिआवश्यक वाले प्रमाण पत्र के लिए लोगो कोे इधर उधर भटकने पर मजबुर होना पड़ रहा है। प्रकाश व्यवस्था कि बात करे तो पूरे ग्राम पंचायत का हाल शाम 07 बजे के समय ऐसा हो जाता है जैसे मानो अमावस्या कि काली रात रायपुर मे ही निवास कर रही हो। आमजनता सभी कार्य दिन मे करने को मजबुर हो रही हैै। वही दुसरी और प्रकाश व्यवस्था नही होने से गांव मे अधंेरा होने से चोरो ने भी अपना ठिकाना रायपुर गंाम पचांयत के सुने मकानो को बना लिया है। चोरी के आकड़े भयानक हो रहे है आमजनता का कहना है कि चोरी के आकड़े इसी गति से बढते रहे तो लोगो को रात के समय अन्यत्र पलायन होने को मजबूर होना पड़ेगा। गांव मे प्रकाश व्ववस्था नही होने से अधेरा का फायदा उठाकर चोर भी चोरी आसानी से कर रहे है। जिसके कारण लोगो मे भय का माहोल बना हुआ है अग चारो तरफ जनता उब चुकि है कि कोई मसीहा आए और रायपुर ग्रामवासियो कि इसी असहनीय पीड़ा को समझ कर समाधन करे। आखिर कितने दिन और झेलना पड़ेगा भोली भाली जनता को दंश ।