चित्रकूटधाम में श्रीरामकथा महोत्सव का दूसरा दिन: घट-घट के वासी राम, गर्व से बोले हम सबके एक ही राम
भीलवाड़ा। व्यवहार में किसी से अति प्रेम उचित नहीं पर भागवत चरण में अति प्रेम करना जीवन का सौभाग्य होता है। कई लोग कहते आप कौनसे राम तो पूजते है तो उन्हें गर्व से यहीं कह राम तो घट-घट के वासी है ओर हम सबके एक ही राम है। लोग आपको भटकाने ओर अपने दिमाग के कचरे को डस्टबिन में डालने के लिए ढूंढ रहे है पर अपने कानों को डस्टबिन मत बनने दो ओर अपने इष्ट के प्रति श्रद्धानिष्ठ बने रहे। ये विचार कथावाचक राजन महाराज ने श्रीसंकट मोचन हनुमान मंदिर ट्रस्ट एवं श्री रामकथा सेवा समिति भीलवाड़ा के तत्वावधान में नगर निगम के चित्रकूटधाम में आयोजित नौ दिवसीय श्री रामकथा महोत्सव के दूसरे दिन कथावाचन के दौरान व्यक्त किए।
संकटमोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरी महाराज के सानिध्य में आयोजित कथा में दूसरे दिन भी धर्मनगरी भीलवाड़ा के भक्तगण उमड़ पड़े एवं वाटरप्रूफ पांडाल भी छोटा प्रतीत हुआ ओर जिसे जहां जगह मिली वहीं बैठ भक्तिभाव से कथाश्रवण करता दिखा। केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी भी कथा श्रवण करने पहुंचे ओर व्यास पीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया।
राजन महाराज ने कहा कि बच्चों को अच्छे संस्कार दे ताकि वह आदर्श धर्मपरायण नागरिक बन सके। सत्संग ही हमारे जीवन को बदल सकता है। कथा श्रवण करने से भगवान दर्शन की चाह जागृत हो जाए तो कथा सुनना सार्थक हो जाता है। अपने से श्रेष्ठ के व्यवहार पर कभी प्रश्न नहीं करना चाहिए ओर यही माने कि हम उस योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जीवन में किसी को तीन बार समझाना चाहिए ओर इसके बाद भी नहीं समझे तो खुद को समझाएं कि अब इसे नहीं समझाना है ओर वहीं जो होगा जो राम ने तय कर रखा है।
राजन महाराज ने जीवन में सम्मान की अभिलाषा नहीं रखने की प्रेरणा देते हुए कहा कि जीवन में कभी अभिमान मत करो ओर कोई उपलब्धि मिले तो उसे प्रभु चरणों में समर्पित कर दो। जीवन में अपमान उसी का होता है जिसको सम्मान की भूख होती है। सम्मान की कभी इच्छा नहीं रखे मिल जाए तो उसे हरि कृपा मान खुशी से रहे। जीवन में जहां सम्मान मिले वहीं जाना चाहिए पर जहां ईश्वर की निंदा होती हो वहां नहीं जाए। अपने पिता, मित्र, सद्गुरू व स्वामी के घर बिना बुलाए भी जाना चाहिए।
कथा के दौरान मंच पर हनुमान टेकरी के महन्त बनवारीशरण काठियाबाबा, हाथीभाटा आश्रम के महंत संतदास महाराज, रपट के बालाजी के महन्त बलरामदास महाराज, हरिशेवाधाम के गोविन्दराम, ओम साई राम आदि भी विराजित थे। महाराज के व्यास पीठ पर विराजने के बाद आरती करने वालों में मुख्य जजमान गोपाल राठी, विश्वेश्वर तिवाड़ी, कैलाश कोठारी, हनुमान प्रसाद दम्माणी, जगमोहन गुप्ता, संशाक गोयल, विपीन अग्रवाल, अनुग्रह गोयल, सत्यनारायण काबरा, गोविन्द सोडाणी, अजय गुर्जर आदि शामिल थे।
शाम की आरती करने वालों में प्रहलाद राय अजमेरा, श्याम डाड, रमेश खोईवाल, सुरेश बिड़ला, पार्षद महेन्द्र गबरानी, डॉ. अजय गर्ग, उमादेवी सोनी, सत्यम शर्मा, प्रहलादराय झंवर, सीए दिलीप गोयल, सीए शिव झंवर, गिरिराज बजाज, गोपाल जोशी आदि भक्तगण शामिल थे। अतिथियों का स्वागत श्रीरामकथा सेवा समिति के अध्यक्ष गजानंद बजाज, महासचिव पीयूष डाड, कन्हैयालाल स्वर्णकार, मंजू पोखरना, डॉ. उमाशंकर पारीक, दुर्गालाल सोनी, गोपाल जागेटिया, रमेश बंसल, गोपी दादा आदि ने किया।
मंच का संचालन पंडित अशोक व्यास ने किया। श्रीराम कथा का वाचन चित्रकूटधाम प्रांगण में 29 सितम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक होगा। शहर के सभी क्षेत्रों के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी सैकड़ो लोग कथा सुनने के लिए चित्रकूटधाम पहुंचे थे। श्रीरामकथा सेवा समिति की ओर से कथास्थल चित्रकूटधाम में श्रीराम भक्तों के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई थी। कथास्थल पर पेयजल आदि का भी पुख्ता प्रबंध रहा ताकि भक्तों को कोई परेशानी नहीं आए।
केन्द्रीय मंत्री चौधरी ने पाया आशीर्वाद
कथा के दौरान केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी भी पहुंचे। उनका महन्त बाबूगिरी महाराज एवं रामकथा सेवा समिति द्वारा स्वागत किया गया। केन्द्रीय मंत्री चौधरी ने मंच पर पहुंच व्यास पीठ पर विराजित राजन महाराज से भी आशीर्वाद प्राप्त किया। समिति की ओर से केन्द्रीय मंत्री के साथ पहुंचे भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशान्त मेवाड़ा, नगर निगम महापौर राकेश पाठक का भी स्वागत किया गया।
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
श्रीराम कथा के दौरान राजन महाराज के मुखारबिंद से निरन्तर भजनों की गंगा प्रवाहित होती रही। कथा में भजनों ने माहौल भक्तिपूर्ण कर दिया ओर जयकारे गूंजायमान होते रहे। उन्होंने मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है, नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी को, तेरी बंशी बजेगी अब जाग सके तो जाग, कथा में शंकर तेरी जटा में बहती है गंगधार आदि भजनों की प्रस्तुति ने भी माहौल भक्ति से परिपूर्ण कर दिया और पांडाल में जयकारे गूंजते रहे। कथा के दौरान भोले बाबा भगवान शिव के पार्वती संग विवाह प्रसंग का भी वाचन हुआ। उन्होंने विवाह प्रसंग मंचन के दौरान ही जब ‘शंकर तेरी जटा में बहती है गंगधार’ भजन पेश किया माता पार्वती व भगवान शिव के जयकारे लगे