गर्मी होगी गुल कमाल का कूलर, आठ डिग्री कर देगा रूम टेंपरेचर

By :  vijay
Update: 2025-05-09 15:00 GMT
गर्मी होगी गुल कमाल का कूलर, आठ डिग्री कर देगा रूम टेंपरेचर
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सिलिकॉन कोटेड ढाई फुट का ब्लोअर 1 यूनिट बिजली से 10 घंटे चलेगा और पल भर में रूम टेंपरेचर 8 डिग्री कर देगा। 1 किलोवाट का महाकाय कूलर 5000 वर्ग फीट लंबे-चौड़े हॉल को शीतल करने में सक्षम है। अत्याधुनिक बंदूकों, नेवल, एयरक्राफ्ट, टैंक, वाहनों के टूल्स बनाने की मशीनें, भारत मंडपम में लगे दिल्ली मशीन टूल एक्सपो 2025 में ऐसी हजारों देशी मशीनों की भरमार है। इसमें 230 एग्जिविटर्स नई तकनीक वाली मशीनों के साथ मौजूद हैं। यहां उद्योग जगत के लीडर्स से मिला जा सकता है। नवाचार के समाधान, भविष्य की योजना बनाई जा सकती है।

12 मई तक चलेगा एक्सपो

इस एक्सपो की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें ज्यादातर मशीनें स्वदेशी हैं। इन मशीनों के बिना किसी उपकरण की कल्पना नहीं की जा सकती। यहां आने पर भारत की मशीन निर्माण के क्षेत्र में ताकत का पता भी चल रहा है। मशीन टूल एक्सपो एक बिजनेस टू बिजनेस प्रदर्शनी है, जिसमें टूल्स काटने और टूल्स बनाने की मशीनें, टूल्स, वेल्डिंग की मशीनें प्रदर्शित की गई हैं। भारतीय मशीन टूल मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (आईएमटीएमए) ने एक्सपो आयोजित किया है। शुक्रवार को केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव विजय मित्तल ने मशीन टूल एक्सपो का उद्घाटन किया। इस मौके पर आईएमटीएमए के डायरेक्टर राजेन्द्र रजामने भी मौजूद रहे। प्रगति मैदान हॉल 4 और 6 में लगा एक्सपो 12 मई तक चलेगा। सुबह 10 बजे से इसमें जा सकते हैं।

मशीन निर्माण में बदल गई भारत की तस्वीर

भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव विजय मित्तल ने बताया कि मशीन निर्माण के क्षेत्र में भारत की तस्वीर दुनिया में बदल रही है। चीन, जापान, ताइवान, इटली, स्पेन सहित कुल 10 देश मशीन बनाते हैं। भारत इनमें नौवें स्थान पर है। बड़ी बात ये है कि भारत आज इन देशों को भी मशीनें बनाकर दे रहा है।

मशीनों का एक्सपोर्ट बढ़कर 1500 करोड़ पहुंचा

आईएमटीएमए के डायरेक्टर राजेन्द्र रजामने ने बताया कि पिछले 5-7 साल में भारत ने मशीन निर्माण के क्षेत्र में 10 गुना छलांग लगाई है। कभी जिन देशों से मशीन खरीदा करते थे, अब इन्हें भारत मशीन बेच रहा है। इसके कारण सालाना एक्सपोर्ट बढ़कर 1500 करोड़ पहुंच गया है। आईएमटीएमए पिछले 75 साल से काम कर रहा है। मौजूदा समय 225 कंपनियां इसके साथ हैं। 25 फीसदी विदेशी कंपनियां भी जुड़ी हैं। दिल्ली की भी 10 से ज्यादा कंपनियां शामिल हैं।

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