प्रधानमंत्री ने नौकरियों पर झूठ बोलकर युवाओं के जले पर नमक छिड़का: खरगे

By :  vijay
Update: 2024-07-19 18:54 GMT

नयी दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘आठ करोड़ नौकरियों’ का झूठ बोलकर देश के युवाओं के जले पर नमक छिड़का है. प्रधानमंत्री मोदी ने गत शनिवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन से चार वर्ष में देश में आठ करोड़ नयी नौकरियां उपलब्ध हुईं जिसने बेरोजगारी के बारे में फर्जी बातें फैलाने वालों की बोलती बंद करा दी.

खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”नरेन्द्र मोदी जी, नौकरियों पर एक के बाद एक झूठ बोलकर आप युवाओं के जले पर नमक छिड़क रहें हैं.” उन्होंने सवाल किया, ”ऐसा क्यों है कि आपने 10 वर्षों में 20 करोड़ नौकरियों का वादा करके 12 करोड़ से ज्यादा नौकरियां छीन ली? रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2012 और 2019 के बीच में रोजगार में 2.1 करोड़ की वृद्धि हुई पर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट कहती है कि ये वृद्धि केवल दो लाख है, जबकि दोनों की ही रिपोर्ट का मुख्य स्त्रोत सरकारी ‘पीएलएफएस’ सर्वे ही है. तो फिर सच्चाई क्या है?” खरगे ने कहा, ”मोदी जी, सालाना दो करोड़ नौकरियां देने के वादे को रिजर्व बैंक का दुरुपयोग कर फर्जी रिपोर्टों से मत छिपाइए.”

कांग्रेस ने परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा कार्रवाई शुरू किए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि ऐसे मामलों की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन होना चाहिए. पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि खेडकर जैसे मामले सिविल सेवा में भर्ती की प्रक्रिया को लेकर गंभीर चिंता पैदा करते हैं.

यूपीएससी ने शुक्रवार को परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की, जिनमें फर्जी पहचान के जरिए सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना शामिल है. आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने से रोकने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया.

खेड़ा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”यूपीएससी द्वारा यह स्वीकारोक्ति कि पूजा खेडकर को जाली दस्तावेजों के साथ सेवा में भर्ती कराया गया था, भर्ती प्रक्रिया की शुचिता के बारे में गंभीर चिंता पैदा करने वाली है. यह रहस्योद्घाटन मौजूदा प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता पर संदेह पैदा करता है, जिसे इस निकाय द्वारा फुलप्रूफ बताया गया है.” उन्होंने कहा कि अब सवाल यह उठता है कि ऐसे कितने अयोग्य व्यक्ति भर्ती प्रक्रिया में इन खामियों के कारण सेवा में शामिल हो गए होंगे. खेड़ा ने कहा, ”इस खुलासे के बाद से जनता के सामने आए कदाचार के कई मामलों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन होना चाहिए.

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