संसद सत्र से पहले केंद्र ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, जोरदार हंगामे के आसार; ये बिल किए जा सकते हैं पेश

By :  vijay
Update: 2024-11-24 07:29 GMT

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले केंद्र सरकार ने सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है। यह बैठक सदन का सुचारू संचालन सुनश्चित करने के लिए बुलाई गई है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), शिवसेना, बीजू जनता दल (बीजद) और अन्य दलों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है।

बता दें, संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं, जबकि विपक्ष मणिपुर में जारी जातीय हिंसा और रिश्वतखोरी के आरोप में व्यवसायी गौतम अदाणी के खिलाफ अमेरिकी अदालत के अभियोग के मुद्दे को उठाने की पूरी कोशिश करेगा। विपक्ष के कई नेताओं ने कहा है कि वे अदाणी पर लगे आरोपों का मुद्दा संसद में उठाएंगे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराए जाने की मांग की है।

इन विधेयकों को किया जा सकता है पेश

1- विधायी कार्य:- भारतीय वायुयान विधायक, 2024

2. आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024

3. गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2024

4.The Bills of Lading Bill, 2024

5. समुद्र द्वारा माल की ढुलाई विधेयक, 2024

6. रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024

7. बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024

8. मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024

10. ऑयल फील्ड (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024

11. बॉयलर विधेयक, 2024 राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2024

13. पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक, 2024

14. मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024

15. कोस्टल शिपिंग विधेयक, 2024

16. भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2024

वक्फ संशोधन विधेयक पर हो सकता है हंगामा

बता दें, लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। समिति के विपक्षी सदस्य समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जगदंबिका पाल समिति की बैठकों में बाधा डाल रहे हैं और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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