संजय राउत के घर के बाहर दिखे संदिग्ध निकले मोबाइल कंपनी के कर्मचारी, पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ा
मुंबई पुलिस ने शिवसेना नेता संजय राउत के बंगले के बाहर संदिग्ध रेकी के सिलसिले में चार लोगों से पूछताछ की है। हालांकि बाद में यह पुष्टि होने के बाद उन्हें छोड़ दिया कि वे एक दूरसंचार नेटवर्क सेवा कंपनी के कर्मचारी थे। भांडुप इलाके में शनिवार को सुबह करीब साढ़े नौ बजे शिवसेना नेता के बंगले ‘मैत्री’ के बाहर मोटरसाइकिल पर सवार दो लोग देखे गए।
इसे संदिग्ध पाते हुए बंगले के बाहर इंतजार कर रहे कुछ लोगों ने राउत के छोटे भाई विधायक सुनील राउत को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस ने दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। पुलिस ने बताया कि दो लोग दोपहिया वाहन पर आए, कुछ देर तक बंगले के बाहर रुके और फिर वहां से चले गए। सूचना मिलने के बाद कांजुरमार्ग पुलिस स्टेशन की एक टीम जल्द ही मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
संजय राउत के बंगले के बाहर रेकी की घटना पर राकांपा-एसपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "सीसीटीवी कैमरे में साफ दिख रहा है कि दो लोग मोटरसाइकिल पर आए थे। अगर शिवसेना(यूबीटी) सांसद संजय राउत सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी का क्या होगा?"
dसंदिग्ध निकले टेलीकॉम नेटवर्क के कर्मचारी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये लोग टेलीकॉम नेटवर्क सेवा कंपनी इंस्टा आईसीटी सॉल्यूशन के कर्मचारी थे और शनिवार को इलाके में नेटवर्क का परीक्षण कर रहे थे। उन्होंने बताया कि चार लोगों से पूछताछ की गई और बाद में पुलिस द्वारा कंपनी के साथ उनकी भूमिका और पदनाम की पुष्टि करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
पहले भी मिल चुकी है धमकी
वहीं इस मामले पर शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि पुलिस जांच करेगी कि शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत के आवास के बाहर किसने रेकी की है? इससे पहले भी शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने धमकी मिलने के झूठे आरोप लगाए थे। इसलिए, हम उन्हें गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन पुलिस जांच करेगी। वह अधिक सुरक्षा पाने के लिए इस तरह का नाटक करते हैं।
शिवसेना एमएलसी मनीषा कायंदे ने कहा, संजय राउत हमेशा सस्ती पब्लिसिटी करते हैं। वह हर दिन झूठी बातें फैलाते हैं। पुलिस ने साफ कर दिया है कि, शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत के घर के बाहर देखे गए लोग एक मोबाइल कंपनी के कर्मचारी हैं। अगर इसमें कोई तथ्य है तो महाराष्ट्र के सीएम और डिप्टी सीएम इसे गंभीरता से लेंगे।