वित्त मंत्री बोलीं- भारत दुनिया के शीर्ष 25 हथियार निर्यातकों में शामिल, एक दशक में इतनी बढ़ोतरी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि भारत अब दुनिया के शीर्ष 25 हथियार निर्यातकों में शामिल हो गया है। उन्होंने सोमवार को गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में इस उपलब्धि को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, 2015 से 2019 तक भारत दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश था। अब 100 से अधिक कंपनियां ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट प्रणाली और डोर्नियर एयरक्राफ्ट जैसे उत्पादों का निर्यात कर रही हैं। रक्षा निर्यात भी 2023-24 में 21,083 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो 2013-14 के मात्र 686 करोड़ रुपये से उल्लेखनीय उछाल है। यह एक दशक में 30 गुना वृद्धि को दर्शाता है।
वित्त मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी हथियारों के निर्माण में हुई वृद्धि पर कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 देश में 1.27 लाख करोड़ रुपये के हथियारों का निर्माण हुआ यानी रक्षा उत्पादन किया गया। मंत्री ने इस वृद्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूत नीतिगत बदलाव और निवेश को दिया।
डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी के जानकारों की जरूरत
उन्होंने कहा, भारत जैसे बड़े देश के लिए सुरक्षा केवल सीमाओं की देखभाल करना ही नहीं है। आज प्रौद्योगिकी सीमाओं का इंतजार नहीं करती। उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी जितनी उपलब्ध है, कुछ निहित स्वार्थों या नकारात्मक ताकतों द्वारा उसका दुरुपयोग भी किया जा रहा है।
सीतारमण ने कहा कि भारत की वृद्धि कुछ ‘लोगों’ को पसंद नहीं आ सकती। उन्होंने कहा, यह मानना अहम है कि भारत हमारे सभी प्रतिस्पर्धियों की नजर में बढ़ रहा है। भारत उन लोगों की नजर में भी बढ़ रहा है जो उभरते लोकतंत्र की ऐसी वृद्धि को आश्चर्यजनक मानते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग बैंक, शेयर बाजार, भुगतान संस्थान, ई-कॉमर्स पोर्टल और कैब-बुकिंग ऐप जैसी डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना एवं प्रतिष्ठानों के लिए खतरा हो सकता है।सीतारमण ने कहा, हमें देश के भीतर ऐसे बलों की भी जरूरत है जो प्रौद्योगिकी के जानकार हों और हमारे सामने मौजूद खतरों के प्रति सचेत हों, ताकि हमारे डिजिटल बुनियादी ढांचे की रक्षा की जा सके।