कहते थे सरकारी गाड़ी-बंगला नहीं लेंगे आज 45 करोड़ का शीशमहल...', केजरीवाल पर अमित शाह का हमला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नए कामकाजी महिला छात्रावास ब्लॉक 'सुषमा भवन' का उद्घाटन किया। उन्होंने इस दौरान सुषमा स्वराज को पार्टी की महान नेताओं में से एक के रूप में याद किया। वहीं, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वह (केजरीवाल) राजनीति में आए तब कहते थे कि हम सरकारी गाड़ी नहीं लेंगे, सरकारी बंगला नहीं लेंगे। मगर आज 45 करोड़ रुपये का शीश महल बना लिया।
बता दें, छात्रावास का नाम पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम पर रखा गया है। वो दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रही थीं। 'सुषमा भवन' का उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि सुषमा जी को पार्टी की महान नेताओं में से एक के रूप में सदैव याद किया जाएगा।
'45 करोड़ रुपये का शीशमहल खड़ा किया'
उन्होंने आप नेता पर निशाना साधते हुए कहा, 'कुछ बच्चे मुझसे मिलने मेरे घर आए थे। मैंने उनसे पूछा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लिए क्या किया है? मगर मैंने ही गलती से जबाव दे दिया कि कुछ नहीं। इसपर बच्चों में से एक ने कहा कि ऐसा नहीं हैं। उन्होंने अपने लिए एक बड़ा शीश महल बनवाया है। जब वह (अरविंद केजरीवाल) राजनीति में आए थे, तो वह कहते थे कि वह सरकारी कार या सरकारी बंगला नहीं लेंगे। एक तरह की राजनीति का आगाज करेंगे। मगर उन्होंने 50 हजार गज में दिल्लीवासियों के 45 करोड़ रुपये से अपने लिए शीश महल बनवाया। केजरीवाल जी आपको दिल्ली की जनता को हिसाब देना होगा।'
उन्होंने आगे कहा, 'शराब घोटाला किया, मोहल्ला क्लिनिक के नाम पर भ्रष्टाचार किया, दवाओं के नाम पर घोटाला किया, सीसीटीवी के नाम पर घोटाला किया, बस खरीद में घोटाला किया और सबसे बड़ा घोटाला निजी सुविधाओं के लिए, अपना शीशमहल बनाने के लिए किया।'
कांग्रेस का भ्रष्टाचार किया था उजागर
उन्होंने सुषमा स्वराज को याद कर कहा, 'देश के राजनीतिक इतिहास में वह उन नेताओं में से एक हैं, जो एनडीए 1 और एनडीए 2 के दौरान मंत्री थीं और वह भी महत्वपूर्ण विभागों में। मगर, उन्हें केवल एक मंत्री के रूप में नहीं बल्कि विपक्ष के नेता के रूप में याद किया जाएगा। यह सुषमा जी ही थीं, जिन्होंने संसद में कांग्रेस के भ्रष्टाचार को उजागर किया था।'
विपक्षी नेता के रूप में याद रखा जाएगा
उन्होंने आगे कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि विपक्ष के सभी नेताओं को उनके काम का अध्ययन करना चाहिए और उन्होंने जो किया उसका अनुसरण करने का प्रयास करना चाहिए। देश का लोकतांत्रिक इतिहास सुषमा स्वराज जी को एक संघर्षशील और प्रभावशाली विपक्षी नेता के रूप में याद रखेगा। विपक्ष के नेता के पद की महत्ता का उदाहरण जब दिया जाएगा, तो सुषमा जी का नाम अवश्य लिया जाएगा।'