अग्निवीरों के लिए अच्छी खबर! 50 फीसदी हो सकते हैं स्थाई

By :  prem kumar
Update: 2024-09-06 08:02 GMT

नई दिल्ली• केंद्र सरकार सेनाओं में भर्ती के लिए बनाई गई नई अग्निपथ योजना में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। इसके तहत वेतन और योग्यता की शर्तों में तो बदलाव किया ही जा सकता है, सेना की स्थाई सेवा में अग्निवीरों का हिस्सा भी बढ़ाया जा सकता है। अग्निपथ योजना शुरू से विवादों में रही है। लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया था। अब यदि योजना में बदलाव किया जाता है यह सरकार का एक और यू-टर्न होगा। इससे पहले, ब्यूरोक्रेसी और लैटरल एंट्री से नियुक्ति और नई पेंशन योजना के मुद्दे पर सरकार अपनी नीति से पीछे हट चुकी है।

रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया गया कि अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद सेना में स्थाई करने की संख्या की वर्तमान तय सीमा बढ़ाकर 50 फीसदी तक करने पर विचार चल रहा है। वर्तमान में निर्धारित 25 फीसदी की सीमा को सेना के विशेषज्ञ भी नाकाफी मान रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का मानना है कि सेना की जरूरतों को देखते हुए एक चौथाई अग्निवीरों को ही स्थाई करना कम है। सेना ने आंतरिक फीडबैक और सर्वे के बाद इस सीमा को बढ़ाकर आधी करने का प्रस्ताव दिया है।

सहयोगी दलों का भी आग्रह

भाजपा के आंतरिक रिपोर्टों में भी बताया गया कि पार्टी को पिछले लोकसभा चुनाव में उन सीटों पर ज्यादा झटका लगा है, जहां रक्षा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारी सबसे ज्यादा हैं। एनडीए सरकार में शामिल भाजपा के सहयोगी दलों ने भी इस योजना की समीक्षा करने की मांग की है। कांग्रेस यह कह चुकी है कि सरकार में आने पर अग्निपथ योजना को समाप्त कर देंगे। ऐसे में सरकार पर इस योजना में संशोधन का दबाव है। हालांकि रक्षा सूत्रों का कहना है कि तुरंत कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन कुछ संशोधन किए जा सकते हैं।

 ब्लूप्रिंट पर जेसीसी में विचार

देश की सीमाओं की रक्षा की नई-नई चुनौतियों से निपटने के लिए प्रस्तावित एकीकृत संयुक्त कमांड की स्थापना का ब्लूप्रिंट तैयार हो चुका है। ब्लूप्रिंट के अनुसार,प्रस्तावित थिएटर कमांड का नेतृत्व चार सितारा जनरल करेंगे। यदि ऐसा होता है तो भारत के सैन्य नेतृत्व ढांचे में बदलाव को होगा।

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