राजकीय महाविद्यालय के रूप में चलेंगे 71 नए महाविद्यालय, सामान्य फीस पर मिलेगी उच्च शिक्षा

By :  vijay
Update: 2024-11-22 18:19 GMT

राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक संपन्न हुई। उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से नवनिर्मित व निर्माणाधीन 71 महाविद्यालयों को राजकीय महाविद्यालयों के रूप में चलाया जाएगा। यहां पर सामान्य शुल्क में उच्च शिक्षा के अवसर मिलने के साथ ही 2556 पदों पर भर्ती भी होगी। उच्च शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि वर्तमान में 171 राजकीय महाविद्यालय चल रहे हैं। इसी क्रम में 71 अन्य महाविद्यालयों में 17 को राज्य विश्वविद्यालयों के संघटक महाविद्यालयों के रूप में चलाया जा रहा है। जबकि अन्य बनकर लगभग तैयार हैं। अब इन सभी 71 महाविद्यालयों का संचालन सरकार करेगी। यह सभी राजकीय महाविद्यालय के रूप में चलेंगे और यहां पर सभी सुविधाएं व शुल्क भी राजकीय महाविद्यालयों वाले लगेंगे।

चतुर्थ श्रेणी के 710 पद संविदा पर रखे जाएंगे

उन्होंने बताया कि इन महाविद्यालयों का पूरा विकास खर्च सरकार वहन करेगी। इन महाविद्यालयों में कला, वाणिज्य व विज्ञान संकाय की पढ़ाई शुरू की जाएगी। इसके लिए प्राचार्य के 71, असिस्टेंट प्रोफेसर के 1136, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के 639 व चतुर्थ श्रेणी के 710 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसमें 1846 पद सृजित किया जाएगा। जबकि, चतुर्थ श्रेणी के 710 पद संविदा पर रखे जाएंगे।

रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे

मंत्री ने बताया कि इससे एक तरफ जहां उच्च शिक्षा में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ेगी, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। प्रदेश में अभी 11.70 लाख जनसंख्या पर एक राजकीय महाविद्यालय चल रहे हैं। इसके बाद इसमें सुधार होगा और प्रदेश में 8.26 लाख जनसंख्या पर एक राजकीय महाविद्यालय चलेगा। इससे वर्ष 2035 तक सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 50 फीसदी के लक्ष्य को पाने में आसानी होगी।

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