अगर तमिलनाडु में कांग्रेस अपने दम पर लड़ती तो जमानत भी बरकरार नहीं रख पाती: BJP

By :  vijay
Update: 2024-06-08 08:18 GMT

लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है, लेकिन सियासी पारा बना हुआ है। भाजपा नेता तमिलसाई सुंदरराजन ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा। कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी अपने दम पर तमिलनाडु में चुनाव लड़ती तो वह किसी भी सीट में जमानत बरकरार नहीं रख पाती।


सबसे पुरानी पार्टी के पक्ष में डाले गए सभी वोट...

नेता तमिलसाई हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात कर रही थीं। इस दौरान तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सेल्वापेरुंथागई की कथित टिप्पणी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा को मिले वोट 'पीएमके के वोट' हैं, के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए तमिलसाई ने आश्चर्य जताया कि क्या राज्य में इस सबसे पुरानी पार्टी के पक्ष में डाले गए सभी वोट 'डीएमके' के वोट थे।


उन्होंने आगे कहा, 'कांग्रेस नेता सेल्वापेरुंथागई का कहना है कि भाजपा द्वारा प्राप्त वोट पीएमके वोट थे। इस तरह तो कांग्रेस पार्टी को मिले वोट वास्तव में डीएमके के वोट थे। क्या मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इससे इनकार करेंगे?'

जमानत बरकरार नहीं रख पाती

दक्षिण चेन्नई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाली तमिलिसाई ने कहा, 'आप (कांग्रेस) अपने दम पर लड़ सकते थे! अगर कांग्रेस पार्टी के सेल्वापेरुंथागई ने तमिलनाडु में अपने दम पर चुनाव लड़ा होता, तो पार्टी राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में जमानत बरकरार नहीं रख पाती।'

भाजपा की आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं

उन्होंने कहा कि सेल्वापेरुंथागई को भाजपा की आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि कांग्रेस डीएमके पर निर्भर है। डीएमके और अन्य दलों के समर्थन के कारण ही कांग्रेस राज्य में जीती है। कांग्रेस के उलट भाजपा तमिलनाडु में मजबूत बनी हुई है और पार्टी के पास चुनावों में अकेले जाने का साहस है।

उन्होंने आगे कहा कि जब सेल्वापेरुंथागई ने हाल ही में कामराजार के शासन (कांग्रेस शासन) की आकांक्षा की बात की, तो वरिष्ठ नेता ईवीकेएस एलंगोवन ने पलटवार किया कि डीएमके का शासन कामराज का शासन था और इसलिए कांग्रेस पार्टी तमिलनाडु में बिना किसी प्रगति के केवल इसी तरह चल सकती है।

भाजपा बनाम कांग्रेस

गौरतलब है, भाजपा ने पीएमके सहित छोटे दलों के समर्थन से लोकसभा चुनाव लड़ा और एक भी सीट हासिल नहीं की, हालांकि उसने 11.24 प्रतिशत वोट शेयर दर्ज किया। वहीं, डीएमके की सहयोगी कांग्रेस ने तमिलनाडु में नौ सीटें जीतीं और पड़ोसी राज्य पुडुचेरी की एकमात्र लोकसभा सीट पर विजयी हुई।

सत्तारूढ़ डीएमके और मुख्य विपक्षी अन्नाद्रमुक तमिलनाडु के दो प्रमुख राजनीतिक दल हैं, जिन्होंने 1967 से राज्य पर शासन किया है।

Similar News