केंद्र सरकार ने दी PAN 2.0 और वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन को मंजूरी, कैबिनेट ने लिए कई अहम फैसले
केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को बैठक में कई अहम फैसले लिए। बैठक में 1435 करोड़ रुपये की लागत वाली पैन 2.0 योजना को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पैन कार्ड हमारे जीवन का हिस्सा है। यह मध्यम वर्ग और छोटे व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण है। इसे अपग्रेड किया गया है। इसके तहत मौजूदा पैन के नंबर को बदले बिना कार्ड एडवांस किए जाएंगे। नए पैन कार्ड क्यूआर कोड वाले होंगे। इसके लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके लिए अलग से कोई शुल्क नहीं लगेगा। नए पैन में डाटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक शिकायत निवारण तंत्र तैयार किया जाएगा।
छात्रों को मिल सकेंगे अंतरराष्ट्रीय जर्नल
वैष्णव ने कहा कि युवाओं और छात्रों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। कैबिनेट ने वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (एक राष्ट्र एक सदस्यता) योजना को मंजूरी दी है। 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह योजना में कुल 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिका प्रकाशकों को शामिल किया गया है। इसमें लगभग 13,000 ई-जर्नल का सब्सक्रिप्शन लिया जाएगा और छात्रों, संकायों और शोधार्थियों को मुहैया कराया जाएगा। इन संसाधनों का 6,300 से अधिक सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थान साझा करेंगे।
अटल इनोवेशन मिशन के दूसरे संस्करण को मंजूरी
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2750 करोड़ की लागत से अटल इनोवेशन मिशन 2.0 को मंजूरी दी है। युवाओं को नवाचार और उद्यमिता में आगे लाने के लिए भारत में अटल इनोवेशन मिशन की शुरुआत हुई थी। हमें पता लगा था कि अटल इनोवेशन मिशन के पहले संस्करण में स्थानीय भाषा को शामिल नहीं किया गया था। इसलिए हमने अटल इनोवेशन मिशन 2.0 को लागू किया है। इसके तहत 30 ऐसे नवाचार केंद्र खोले जाएंगे जो स्थानीय भाषा में काम करेंगे।
प्राकृतिक खेती को दिया जाएगा बढ़ावा
केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा कदम उठाते हुए 2,481 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन पर मुहर लगाई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही है। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) का उद्देश्य एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक और बिना खाद के खेती की ओर प्रेरित करना है। यह योजना मिट्टी की सेहत सुधारने और लागत कम करने के साथ टिकाऊ खेती का वातावरण तैयार करेगी। अभी देश भर में लगभग 10 लाख हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है। इस योजना के कुल परिव्यय 2,481 करोड़ रुपये में भारत सरकार का हिस्सा 1,584 करोड़ रुपये और राज्यों का हिस्सा 897 करोड़ रुपये है।
इन परियोजनाओं पर भी लगी मुहर
बैठक में अरुणाचल प्रदेश में दो जल बिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इस पर 3,689 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बैठक में रेलवे की तीन बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। 160 किमी लंबी मनमाड-जलगांव चौथी लाइन बनेगी। इससे हर साल आठ करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी। वहीं दूसरी परियोजना में भुसावल से खंडवा तक तीसरी और चौथी लाइन का काम होगा। इससे पूर्वांचल और मुंबई के बीच क्षमता बढ़ेगी। इस परियोजना पर 8,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे रोजगार शुरू होगा और किसानों, छोटे उद्योगों को मदद मिलेगी।