जैसे-जैसे रुपया गिरता जा रहा, मोदी अपने खोदे गड्ढे में फंसते जा रहे', कांग्रेस का PM पर हमला

By :  vijay
Update: 2025-01-13 16:30 GMT

रुपये में गिरावट का सिलसिला सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में भी जारी रहा। इसी को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। सबसे पुरानी पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी अपने ही खोदे गड्ढे में फंसते जा रहे हैं।

यह है मामला

गौरतलब है, सोमवार को रुपया 55 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सर्वकालिक निचले स्तर 86.59 पर आ गया। अस्थिर वैश्विक संकेतों के बीच मजबूत अमेरिकी मुद्रा के कारण रुपया टूटा। विदेशी मुद्रा कारोबारियों के मताबिक, कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल, विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी तथा घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख के कारण भी स्थानीय मुद्रा पर दबाव रहा।

पूर्व पीएम की उम्र से जोड़ी थी गिरावट'

इसपर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'जब मोदी जी ने प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला था तब वह 64 वर्ष के होने वाले थे और डॉलर के मुकाबले रुपया 58.58 पर था। उस समय वह रुपये को मजबूत करने को लेकर बहुत कुछ बोला करते थे। उन्होंने इसके मूल्य में गिरावट को पूर्व पीएम की उम्र से भी जोड़ दिया था।'

उन्होंने आगे कहा कि अब देखिए, मोदी जी इस वर्ष के अंत तक 75 के होने की तैयारी ही कर रहे हैं और रुपया पहले ही डॉलर के मुकाबले 86 पार चुका है। जैसे-जैसे रुपया गिरता जा रहा है, वह अपने ही खोदे गड्ढे में फंसते जा रहे हैं।

रुपया 86.12 प्रति डॉलर पर खुला

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.12 प्रति डॉलर पर खुला। शुरुआती सौदों के बाद डॉलर के मुकाबले सर्वकालिक निचले स्तर 86.59 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 55 पैसे की भारी गिरावट दर्शाता है। रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 18 पैसे टूटकर 86.50 पर बंद हुआ था। भारतीय मुद्रा में पिछले दो सप्ताह में एक रुपये से अधिक की सबसे गहरी गिरावट दर्ज की गई है, जबकि 30 दिसंबर को यह 85.52 रुपये पर बंद हुआ था।

पहले भी कस चुकी है तंज

कांग्रेस निवेश और रुपये के मूल्य में गिरावट की ओर इशारा करते हुए अर्थव्यवस्था को संभालने को लेकर सरकार पर लगातर हमला कर रही है। इससे पहले जयराम रमेश ने कहा था, 'गैर-जैविक प्रधानमंत्री को फिर से पता चल रहा है कि आखिरकार वह एक इंसान हैं। हमारे शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों ने पिछले छह दिनों में दो अरब डॉलर निकालकर 2025 की शुरुआत की है।यह दिखाता है कि हमारे कमजोर मैक्रो फंडामेंटल्स का बढ़ता प्रभाव - स्थिर वेतन, निजी निवेश में कमी, उपभोग वृद्धि में सुस्ती।'

उन्होंने कहा कि यह सेबी अध्यक्ष के हितों के टकराव के बारे में खुलासे और वियतनाम तथा मलयेशिया सहित अन्य देशों की तुलना में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए गंतव्य के रूप में भारत की निरंतर गिरावट के बाद वित्तीय बाजारों में निवेशकों के विश्वास की पूर्ण कमी को भी दर्शाता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि रुपया दिन-प्रतिदिन डॉलर के मुकाबले नए निचले स्तर को छू रहा है, जिससे मुद्रा जोखिम बढ़ रहा है।

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