जनता की अदालत में बोले अरविंद केजरीवाल, कहा- ‘मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया, मैं गलत करने नहीं आया’

By :  vijay
Update: 2024-09-22 10:11 GMT

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आज अरविंद केजरीवाल जंतर-मंतर पर जनता की अदालत में पहुंचे हैं। अरविंद केजरीवाल जनता की अदालत को संबोधित किया। जनता की अदालत में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अपनी बात रखी। केजरीवाल ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि वो जनता की अदालत में जाएंगे। केजरीवाल ने कहा था कि वे सीएम की कुर्सी पर तभी बैठेंगे जब जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र देगी।



जनता की अदालत में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिश, कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, संगठन मंत्री संदीप पाठक, विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला, मनीष सिसोदिया, विधायक दुर्गेश पाठक, दिलीप पांडे भी पहुंचे हैं।

जनता को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में केवल इज्जत कमाई है। आज जब मैंने इस्तीफा दिया है, कुछ दिन में मैं मुख्यमंत्री आवास खाली कर दूंगा, आज दिल्ली में मेरे पास रहने के लिए घर भी नहीं है। मैंने दस साल में केवल आपका आशीर्वाद कमाया है। मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं भ्रष्टाचार करने नहीं आया था, मुझे सत्ता का लालच, सीएम की कुर्सी की भूख नहीं है, मैं पैसे कमाने नहीं आया, पैसे कमाने होते तो मैं इनकम टैक्स की नौकरी करता था, उसमें करोड़ो रुपए कमा लेता बल्कि हम तो देश के लिए आए थे।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया। मेरे नेताओं को जेल भेजा गया। मैं देश बदलने के लिए आया हूं, मैं कुछ गलत करने नहीं आया। हमें चुनौती दी गई। चुनाव लड़ लो। 2013 में ईमानदारी से चुनाव लड़े। लोग कह रहे थे। उनकी जमानत जब्त होगी। लेकिन पहली बार में ही सरकार बना दी। सरकार बनने के बाद दिल्ली में बिजली, पानी, बस यात्रा फ्री, बच्चों की शिक्ष सब को फ्री कर दिया। भाजपा को लगा कि अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचारी घोषित कर दो। उन्होंने हमारे पार्टी के बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया। जैसे ही नवरात्र आएंगे मैं घर छोड़ दूंगा। आप में से किसी के घर ही आ कर रहूंगा।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे सबसे कठिन कानून पीएमएलए एक्ट के तहत फंसाया। लोगों ने बताया कि यह बहुत लंबा चलेगा। तब मैंने यह सोचा कि मैं जनता की अदालत में जाऊंगा। मैं भ्रष्टाचार के दाग के साथ जी ही नहीं सकता। मैं दिल्ली की जनता से पूछना चाहता हूं कि अगर मैं बेईमान होता तो क्या मैं दिल्ली में बिजली फ्री कर पाता। बिजली फ्री करने के लिए 3000 करोड़ रुपये लगते हैं। अगर मैं बेईमान होता तो क्या पानी फ्री कर पाता, क्या अच्छे स्कूल दिल्ली में बन पाते। मैं भ्रष्टाचारी होता तो सारे पैसे खा जाता। आने वाले चुनाव एक अग्नि परीक्षा है। अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार है तो केजरीवाल को वोट देना।

केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के किसी भी सरकार में कहीं पर भी बिजली फ्री नहीं है तो फिर आप बताइए कि चोर कौन हैं। क्या केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं। आरएसएस के प्रमुख से पांच सवाल पूछना चाहता हूं।

केजरीवाल ने आरएसएस से पूछे पांच सवाल

1- जिस तरह पीएम मोदी देश भर में लालच देकर या ईडी-सीबीआई का डर दिखाकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ रहे हैं, सरकारें गिरा रहे हैं- क्या ये देश के लोकतंत्र के लिए सही है? क्या आप नहीं मानते ये भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक है?

2- देश भर में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारी नेताओं को पीएम मोदी ने अपनी पार्टी में शामिल करवाया। जिन नेताओं को कुछ दिन पहले उन्होंने खुद सबसे भ्रष्टाचारी बोला। जिन नेताओं को अमित शाह ने भ्रष्टाचारी बोला। कुछ दिन बाद उन्हें भाजपा में शामिल करवा लिया? क्या आपने ऐसी भाजपा की कल्पना की थी? क्या इस प्रकार की राजनीति पर आपकी सहमति है?

3- भाजपा आरएसएस की कोख से पैदा हुई है। कहा जाता है कि ये देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि भाजपा पथभ्रष्ट न हो। क्या आप आज की भाजपा के कदमों से सहमत हैं। क्या आपने कभी पीएम मोदी से ये सब न करने के लिए कहा ?

4- जेपी नड्डा ने चुनाव के दौरान कहा कि भाजपा को आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस भाजपा की मां समान है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि मां को आंखें दिखाने लगा है? जिस बेटे को पालपोष के बड़ा किया, प्रधानमंत्री बनाया, आज वो अपनी मातातुल्य संस्था को आंखें दिखा रहा है। जब जेपी नड्डा ने ये कहा तो आपको दुख नहीं हुआ? क्या आरएसएस के हर कार्यकर्ता को दुख नहीं हुआ?

5- आरएसएस भाजपा ने मिलकर ये कानून बनाया था कि 75 वर्ष का होने पर किसी भी व्यक्ति को रिटायर होना पड़ेगा। इस कानून के तहत आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे बहुत बड़े नेताओं को भी रिटायर कर दिया गया। अब अमित शाह कह रहे हैं कि वो नियम पीएम मोदी पर लागू नहीं होगा। क्या आप इससे सहमत हैं कि जो नियम आडवाणी पर लागू हुआ वो पीएम मोदी पर लागू नहीं होगा

इस दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान दिल्ली की जनता के लिए मुफ्त बिजली पानी बसों में यात्रा की सुविधा दी। यह सुविधा भाजपा को पसंद नहीं आया। भाजपा ने षड्यंत्र करके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल में डाल दिया। इसके अलावा मनीष सिसोदिया सांसद संजय सिंह स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन को जेल में डाल दिया। उन्हें लगा कि हमारे नेताओं को पीढ़ी और सीबीआई का डर दिखाकर थोड़ा जा सकता है। महाराष्ट्र में ऐसा करके उन्होंने सरकार बनाई। लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास ईडी-सीबीआई जरूर होगी। लेकिन केजरीवाल के साथ रहने वाले कभी भी किसी से नहीं डरते। अरविंद केजरीवाल ना रुकने वाला है और ना झुकने वाला है। वह नहीं टूटेगा और दिल्ली वालों के हितों में लगातार काम करते रहेंगे। यहां जंतर मंतर पर जो भी इकट्ठा हुए हैं, सभी की जिम्मेदारी है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना होगा।

वहीं, आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब मैं जेल में था तो मुझे टॉर्चर करने की बहुत कोशिश की गई। मेरे सारे खाते बंद कर दिए गए। मुझे अपने बेटे की फीस भरने के लिए भी लोगों से भीख मांगनी पड़ी। इन्होंने सोचा होगा कि मनीष सिसोदिया ऐसी परिस्थितियों में टूट जाएगा। लेकिन मैं नहीं टूटा। मुझे बताया गया कि अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में आपका नाम ले दिया है। आप भी उनका नाम लेकर बचकर निकल जाओ। राजनीति में यह सब चलता रहता है। लेकिन मैं मुस्कुरा कर कहता था कि आप जानते हो हम कौन हैं हम टूटने वाले नहीं हैं।

सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हम राजनीति में आएंगे। लेकिन भगवान ने हमारे लिए कुछ सोच रखा था। हम राजनीति में आए। हमने दिल्ली के बिजली पानी मुफ्त किया। बस यात्रा को फ्री किया। भाजपा ने जब अरविंद केजरीवाल को जेल में डाला तो लोगों में यह बात चर्चा का विषय बनी। कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया। कोर्ट ने ये मोहर लगा दी कि केस फर्जी है। लेकिन उन्होंने कहा कि जब तक जनता उन्हें ईमानदार नहीं मानेगी। प्रचंड बहुमत से मुख्यमंत्री नहीं बनते तब तक मुख्यमंत्री के पद पर नहीं बैठेंगे।

बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए कहा था कि वे तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती कि केजरीवाल ईमानदार है। दिल्ली की जनता के आदेश के बाद ही वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे।

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