चीन की सेना में शामिल हुईं मधुमक्खियां! मिलिट्री ट्रेनिंग दे रहा ड्रैगन

दुनिया में युद्ध के तरीकों में बदलाव हुआ है। सैन्य क्षेत्र में टेक्नोलॉजी किसी भी देश की सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने में अहम भूमिका निभाती है। वर्तमान समय में कुछ ऐसी नई तकनीकें सामने आई हैं, जो न सिर्फ सैन्य रणनीतियों को पूरी तरह से बदल देंगी, बल्कि आधुनिक युद्ध के तौर-तरीकों को भी नए स्तर पर पहुंचा देंगी। लेकिन चीन ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने दुनिया को हैरान कर दिया है। दरअसल, चीन की सेना में मधुमक्खियों की भी शामिल किया गया है। ड्रैगन अब मधुमक्खियों को मिलिट्री ट्रेनिंग दे रहा है।
चीन के बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने मधुमक्खियों को काबू करने के लिए सबसे छोटा ब्रेन कंट्रोलर बनाया है। इसका वजन सिर्फ 74 मिलीग्राम है। इस डिवाइस को मधुमक्खी की पीठ पर लगाया जाता है। इसके बाद पिन को दिमाग में लगाकर इलेक्ट्रिक पल्स से डायरेक्शन को कंट्रोल किया जाता है।
चीन की सेना मधुमक्खियों को अपने इशारों पर उड़ा सकती है। ऐसे में मधुमक्खियों का झुंड युद्ध में चीन के लिए बड़ा हथियार साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबि, 10 में से 9 बार मधुमक्खियों ने सही रिस्पॉन्स दिया। मधुमक्खियां इंसानों के बनाए मिनी ड्रोन से अच्छा काम करती हैं। इसके साथ ही मिलिट्री के सीक्रेट ऑपरेशन में भी अधिक इफेक्टिव होंगे। हालांकि, अभी बैटरी पर काम जारी है। आकार छोटा होने की वजह से यह डिवाइस ज्यादा समय तक नहीं चल पाता।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी वैज्ञानिकों ने यह दुनिया का सबसे हल्का ब्रेन कंट्रोलर बनाया है। इससे मधुमक्खियों को रोबोट की तरह उड़ा सकते हैं। मधुमक्खियों की पीठ पर ब्रेन ब्रेन कंट्रोलर को लगाया जाता है। इसके साथ ही तीन सुईयों की मदद से उनके दिमाग में छोटे छेद किए जाते हैं, जिससे मधुमक्खियों में भ्रम पैदा होता है। इसके बाद वो उड़ने की कमांड फॉलो करने लगती हैं। मधुमक्खियां इशारे पर दाएं, बाएं, आगे और पीछे की तरफ उड़ती हैं।