रक्षा मंत्री ने रणनीतिक स्वायत्तता के लिए आत्मनिर्भरता पर दिया जोर, बोले- शांति के लिए ताकत जरूरी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि कई देशों में ‘गैर-सरकारी तत्वों’ का उभरना और उनका आतंकवाद का सहारा लेना ‘चिंता का विषय’ है। यहां 77वें सेना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि संघर्ष और युद्ध अधिक हिंसक तथा अप्रत्याशित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए ताकत जरूरी है। सिंह ने कहा कि कई देशों में गैर-सरकारी तत्वों का उभरना और उनका आतंकवाद का सहारा लेना भी चिंता का विषय है।
अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि रणनीतिक स्वायत्तता हासिल करने के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है। रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए मजबूत सुरक्षा व्यवस्था, मजबूत सेना और सुरक्षित सीमाओं की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय सशस्त्र बलों को नवीनतम सैन्य साजो सामान से लैस करके उनकी ताकत बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है और आत्मनिर्भरता के माध्यम से आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
रक्षा मंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कहा, 'आज मुझे यहां आर्मी पैरालंपिक नोट (एपीएन) का शिलान्यास करने का अवसर मिला है। मुझे विश्वास है कि यह नोड भारतीय सेना के दिव्यांग सैनिकों को प्रेरणा देगा और वे पैरालंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई पैरा गैम्स में जाकर भारत का नाम रोशन करेंगे। इसके साथ ही मुझे 'भारत रणभूमि दर्शन' एप्लिकेशन लॉन्च करने का भी अवसर मिला, जिसके माध्यम से देश के नागरिक अब आसानी से भारत के ऐतिहासिक युद्ध क्षेत्रों का दौरा कर सकेंगे और उनके बारे में जान सकेंगे।'
उन्होंने आगे कहा, रक्षा मंत्रालय ने 2025 को सुधारों का वर्ष घोषित किया है। इसके तहत हम सेना के आधुनिकीकरण के लिए सुधार करने की कोशिश करेंगे। रक्षा मंत्रालय अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है। लेकिन मैं यह भी सुझाव देना चाहता हूं कि आप (सेना के जवान) अपने स्तर पर यह चर्चा करें कि किस प्रकार के सुधार किए जा सकते हैं।