EVM से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है', ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों का चुनाव आयुक्त ने दिया जवाब

By :  vijay
Update: 2025-01-07 09:50 GMT

दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों के एलान के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने ईवीएम को लेकर चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर कार्यकाल खत्म होने का संकेत दिया। चुनाव आयुक्त ने बताया कि कुछ खास तरह की चिंताएं थीं जिसे राजनीतिक दलों ने उठाई थीं। उन्होंने आगे कहा कि मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जोड़े और हटाए गए। यह भी दावा किया गया कि कुछ समूहों को निशाना बनाया गया और उनके नाम हटा दिए गए।

वोटर लिस्ट से नाम हटाने के आरोपों पर चुनाव आयोग

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "हर गांव में हर पोलिंग स्टेशन पर जो भी ड्राफ्ट रोल है उसकी कॉपी पब्लिश की जाती है। बिना पर्सनल हेयरिंग के नाम नहीं कट सकता है। दो फीसदी से अधिक के नाम कटने से एआरओ और आरओ जाकर खुद चेक करते हैं।"


ईवीएम पर बोलते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "ईवीएम पर सब जवाब होने के बाद भी कहा गया कि इसे मैनिपुलेट किया जा सकता है। वोटर टर्नआउट 5 बजे के बाद बढ़ जाता है। कई इलाकों में वोटर बढ़ गए।" उन्होंने आगे कहा कि काउंटिंक में मिसमैच हो गया, कहीं कम गिन लिए, कहीं ज्यादा गिन लिए गए। सभी सवालों का जवाब आज देंगे।"

चुनाव आयुक्त ने कहा, "चुनाव से पहले नई बैटरी डाली जाती है। उसी दिन उसे सील की जाती है। जिस दिन पोलिंग डे होता है उस दिन सील पोलिंग एजेंट के सामने तोड़ी जाती है। मॉक पोल किया जाता है। पोलिंग एजेंट रिकॉर्ड रखते हैं, कौन आया कौन गया। किसमें कितने वोट पड़े इसकी संख्या उनको दी जाती है। काउंटिंग के दिन भी पूरी प्रक्रिया दोहराई जाती है। फॉर्म 17 सी से मिलान होता है। उसके बाद बाद पांच रेंडमली सिलेक्टेड वीवीपैट की गिनती भी की जाती है। सारी चीजों को बहुत बार चैलेंज किया गया है। माननीय हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईवीएम रद्द नहीं किया जा सकता है। इसके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है।"

ईवीएम का कमीशनिंग

चुनाव के 7-8 दिन पहले किया जाता है।

उसके बाद उम्मीदवार की नज़र से ओझल ही नहीं होती।

कमीशनिंग:

प्रतीक (Symbol) लोड करना।

5% रैंडमली चुनी गई ईवीएम पर 1000 वोट का मॉक पोल।

बैटरी लगाई जाती है और सील की जाती है।

ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी।

मतदान के दिन ईवीएम का वितरण।

मतदान का दिन (Polling Day):

फिर से मॉक पोल

मतदान केंद्र (PS) के अंदर पोलिंग एजेंट्स।

मतदान समाप्त होने पर मशीनों को सील करना।

डाले गए वोटों का ब्यौरा 17C में पोलिंग एजेंट्स को देना।

मतदान केंद्रों से स्ट्रॉन्ग रूम तक ईवीएम का स्थानांतरण।

स्ट्रॉन्ग रूम की सीलिंग।

निरंतर सीसीटीवी निगरानी।

गिनती का दिन (Counting Day):

ईवीएम को काउंटिंग सेंटर तक लाना।

कंट्रोल यूनिट (CU) की सील की जांच।

ईवीएम और 17C (भाग-1) में दर्ज वोटों का मिलान।

प्रति विधानसभा क्षेत्र (AC/AS) 5 रैंडमली चयनित VVPATs का सत्यापन।

संवैधानिक अदालत के 42 बार दिए गए निर्णय

ईवीएम हैक नहीं हो सकती।

इसमें अविश्वसनीयता या किसी कमी का कोई प्रमाण नहीं।

ईवीएम में वायरस या बग डालने का कोई सवाल नहीं।

ईवीएम में अवैध वोट का कोई सवाल नहीं।

धांधली (Rigging) संभव नहीं।

ट्रोजन हॉर्स एक्टिवेट कर परिणाम बदलने का कोई सवाल नहीं।

अदालत को प्रस्तुत प्रमाण से यह विश्वास होता है कि ईवीएम छेड़छाड़-रोधी (tamper-proof) हैं।

ईवीएम परिणामों की गणना के लिए पूर्णतः भरोसेमंद उपकरण हैं।

छेड़छाड़ के आरोप निराधार हैं।

ईवीएम के बारे में न्यायालय की राय

आविष्कार निस्संदेह एक महान उपलब्धि और राष्ट्रीय गौरव है।

वीवीपैट (VVPAT) प्रणाली के साथ ईवीएम मतदान प्रणाली की सटीकता सुनिश्चित करती है।

चुनाव आयोग (EC) ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सफलतापूर्वक आयोजित किए हैं।

संवैधानिक निकाय की छवि और प्रतिष्ठा को कम करना स्वीकार्य नहीं है।

पेपर बैलट प्रणाली पर राय

पुरानी पेपर बैलट प्रणाली पर लौटना अनुचित और प्रतिगामी है।

चुनावी प्रक्रिया को पटरी से उतारने का उद्देश्य है।

निर्वाचकों के मन में अनावश्यक संदेह पैदा करता है, जबकि इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है।

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