चीन-पाकिस्तान से लगी सीमा पर हालात कैसे? सेना प्रमुख बोले- स्थिति संवेदनशील, पर स्थिर

By :  vijay
Update: 2025-01-13 15:08 GMT

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को एलएसी और एलओसी से लेकर मणिपुर के हालात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी की स्थिति संवेदनशील है, लेकिन स्थिर है। पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है। वहीं पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम जारी है। नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में सेना प्रमुख ने कहा कि हम सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और क्षमता विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

एएलसी को लेकर सेना प्रमुख ने यह कहा

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि एलएसी पर स्थिति संवेदनशील लेकिन स्थिर है। अक्तूबर में पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में स्थिति सुलझ गई। इन पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है। मैंने सभी सह-कमांडरों को जमीनी स्तर पर संवेदनशील मुद्दों को संभालने के लिए कहा है। ताकि इन्हें सैन्य स्तर पर ही हल किया जा सके। एलएसी पर हमारी तैनाती संतुलित और मजबूत है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। उत्तरी सीमाओं के लिए फोकस क्षमता विकास कार्यक्रम ने युद्ध लड़ने की प्रणाली में तकनीक को सक्षम किया।


पिछले साल मारे गए 60 फीसदी आतंकवादी पाकिस्तानी थे: सेना प्रमुख

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) को लेकर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले साल मारे गए 60 फीसदी आतंकी पाकिस्तानी मूल के थे। आज घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी आतंकी बचे हैं, हमें लगता है कि लगभग 80 फीसदी या उससे अधिक पाकिस्तानी मूल के हैं। जम्मू-कश्मीर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। नियंत्रण रेखा पर डीजीएमओ के बीच सहमति के बाद फरवरी 2021 से प्रभावी संघर्ष विराम जारी है। हालांकि आतंकी ढांचा बरकरार है। आईबी सेक्टर से घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं। हाल ही में उत्तरी कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ बेल्ट में आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है। जबकि हिंसा के मानदंड नियंत्रण में हैं। हमने इस बार अमरनाथ यात्रा के दौरान पांच लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को देखा। साथ ही शांतिपूर्ण चुनाव होना एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। आतंकवाद से पर्यटन की थीम धीरे-धीरे आकार ले रही है।


मणिपुर के हालात पर भी की बात

सेना प्रमुख ने हिंसा ग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। मणिपुर में सुरक्षा बलों के प्रयास प्रयासों और सरकार की पहल से स्थिति नियंत्रण में आई है। हालांकि, हिंसा की कुछ घटनाएं जारी हैं। हम इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। विभिन्न गैर सरकारी संगठन और विभिन्न समुदाय के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं ताकि एक तरह का सामंजस्य स्थापित किया जा सके। भारत-म्यांमार सीमा पर निगरानी बढ़ाई गई है, ताकि म्यांमार में अभी तक हो रही अशांति को रोका जा सके। जहां तक मानवीय सहायता और आपदा राहत का सवाल है, 2024 में हमने अपने क्यूआरटी और क्यूआर मेडिकल टीमों को अपग्रेड करने के लिए विशेष रूप से 17 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

नौसेना के साथ कई क्षेत्रों में चल रहा काम

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारतीय नौसेना हमारे साथ पैंगोंग त्सो झील में बड़े पैमाने पर काम कर रही है। उनके विशेष बल जम्मू-कश्मीर और अन्य स्थानों पर हमारे साथ काम कर रहे हैं। भारतीय नौसेना के सहयोग की बात करें तो जहां तक हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) का सवाल है, दो जगहों पर हम बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पहला अंडमान और निकोबार और दूसरा उभयचर टास्क फोर्स। जहां तक अंडमान और निकोबार का सवाल है आप जानते हैं कि हम उन्हें स्थायी आधार पर रेट करने जा रहे हैं और उस क्षेत्र में प्रादेशिक सेना की भूमिका को बढ़ाएंगे। इसलिए नौसेना के साथ मिलकर हम बड़े पैमाने पर उनके रोजगार पर विचार कर रहे हैं। हमारे पास कुछ योजनाएं हैं जिन पर हमने पश्चिमी हिस्से में मिलकर काम किया है।

सेना प्रमुख ने कहा कि राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मास मीडिया और सुरक्षा बलों में एक साथ आने की बहुत क्षमता है। मेरा मिशन है कि पूर्ण स्पेक्ट्रम तैयारियों को सुनिश्चित करना और साथ ही भारतीय सेना को एक आत्मनिर्भर भविष्य के लिए तैयार बल में बदलना, ताकि वह राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र का एक प्रासंगिक और प्रमुख स्तंभ बन सके। जो राष्ट्र निर्माण में भी सार्थक योगदान दे सके।

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