सैन्य समाधान कोई हल नहीं',गलती न करें, यूएन प्रमुख ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की

Update: 2025-05-05 16:44 GMT
सैन्य समाधान कोई हल नहीं,गलती न करें,  यूएन प्रमुख ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की
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संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते इन दिनों 'कई सालों में सबसे ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं। गुटेरेस ने साफ कहा, यह देखकर मुझे दुख होता है कि भारत-पाकिस्तान के रिश्ते तनाव पर हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है और इस रास्ते पर जाना हालात को और बिगाड़ सकता है। बता दें कि, पहलगाम हमले को लेकर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारत के सख्त तेवर से सहमे पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से आपातकालीन बैठक बुलाकर तनाव कम करने के प्रयास करने की गुहार लगाई थी।

 

 हमले की निंदा की

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले पर भी यूएन प्रमुख ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, नागरिकों को निशाना बनाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके जिम्मेदार लोगों को कानून के दायरे में लाकर सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट रहना चाहिए, लेकिन इसके साथ-साथ नागरिकों की सुरक्षा और कानून का पालन सबसे जरूरी है।


सैन्य   कोई समाधान नहीं- यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दोनों देशों को चेतावनी दी कि अगर तनाव और बढ़ा तो इसका असर सिर्फ इन दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में अस्थिरता फैलेगी। उन्होंने कहा, 'कोई गलती न करें, सैन्य हल कोई हल नहीं है। युद्ध कभी भी किसी समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकता।' यूएन महासचिव ने दोनों देशों से अधिकतम संयम बरतने और तनाव कम करने की अपील की। उन्होंने कहा, अब समय है कि दोनों पक्ष एक कदम पीछे हटें और हालात को और बिगड़ने से बचाएं।



 मध्यस्थता के लिए यूएन तैयार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने यह भी पेशकश की कि यदि भारत और पाकिस्तान चाहें, तो यूएन दोनों के बीच बातचीत और तनाव कम करने में मदद करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र हर उस पहल का समर्थन करेगा जो तनाव कम करने और शांति बढ़ाने में सहायक हो। हम दोनों देशों के लिए अपने दरवाजे खुले रखते हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति केवल तब संभव है जब भारत और पाकिस्तान दोनों जिम्मेदारी से पेश आएं और अपने विवादों को बातचीत और कूटनीति के जरिये सुलझाएं।

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