पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कबूली आतंकियों के समर्थन की बात, कहा- अमेरिका के लिए ये गंदा काम कर रहे

इस्लामाबाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकवाद पर खुद के अब तक के रुख के विपरीत खुले तौर पर स्वीकार किया है कि इस्लामाबाद ने आतंकवादी संगठनों के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के माध्यम से तीन दशकों तक अमेरिका के गलत मंसूबों को पूरा करने में भूमिका निभाई है।
पाकिस्तान अभी तक पहलगाम हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार करता रहा है। इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे।अब तक आतंकवाद और आतंकियों का समर्थन न करने की बात कह रहे पाकिस्तान की बड़ी पोल खुली है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकियों को समर्थन और प्रशिक्षण देने की बात कबूल की है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले तीन दशक से पाकिस्तान आतंकवादियों को समर्थन और प्रशिक्षण दे रहा है। उन्होंने इसका दोष अमेरिका और पश्चिमी देशों पर मढ़ दिया।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि हम तीन दशकों से अमेरिका और ब्रिटेन सहित पश्चिम के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं। यह एक गलती थी और पाकिस्तान को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में शामिल नहीं होते और 9/11 के हमले नहीं होते तो पाकिस्तान का रिकॉर्ड बेदाग होता।
भारत पर लगाया पहलगाम हमला कराने का आरोप
पाकिस्तानी मंत्री ने आरोप लगाया कि भारत ने पाकिस्तान के लिए संकट पैदा करने की कोशिश करते हुए पहलगाम आतंकी हमला कराया है। उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा अब अस्तित्व में नहीं है। मैंने द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के बारे में कभी नहीं सुना। लश्कर एक पुराना नाम है। इसका कोई अस्तित्व नहीं है। हमारी सरकार ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है।
युद्ध की दी गीदड़भभकी
पहलगाम हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई की तैयारी पर रक्षा मंत्री ने युद्ध की गीदड़भभकी दी। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यापक हमला या ऐसा कुछ होता है, तो जाहिर है कि व्यापक युद्ध होगा। दो परमाणु शक्तियों के बीच टकराव हमेशा चिंताजनक होता है।
हमले में 26 पर्यटकों की हुई थी मौत
बीती 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित लश्कर ए तैयबा के संगठन टीआरएफ के आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया। साथ ही पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंध भी कम कर लिए हैं। भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को एक हफ्ते में देश छोड़ने का निर्देश दिया है। आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना भी अलर्ट पर है।