राहुल की सेहत ठीक नहीं, गांधी भारत कार्यक्रम में नहीं करेंगे शिरकत; अर्थव्यवस्था पर BJP को घेरा

By :  vijay
Update: 2025-01-21 08:14 GMT

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तबीयत ठीक नहीं है। वे मंगलवार को बेलगावी में आयोजित 'गांधी भारत कार्यक्रम' में भाग नहीं ले पाएंगे। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के सूत्रों ने यह जानकारी दी। कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बेलगावी में बताया कि कांग्रेस पार्टी का पूरा नेतृत्व समारोह में भाग लेगा, जो जल्द शुरू होने वाला है। यहां सूत्रों के मुताबिक, राहुल अस्वस्थ हैं, इसलिए उनके समारोह में शामिल होने की संभावना कम है।

महाराष्ट्र की सीमा से लगे बेलगावी जिला मुख्यालय में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, केरल के वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारियों के भाग लेने की उम्मीद है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो ‘सुवर्ण विधान सौध’ में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा और सीपीईडी मैदान में एक जनसभा भी आयोजित की जाएगी।

बेलगावी में 1924 में महात्मा गांधी की अध्यक्षता में आयोजित एकमात्र कांग्रेस अधिवेशन की शताब्दी के अवसर पर ‘गांधी भारत कार्यक्रम’ का आयोजन किया जा रहा है, जो मूल रूप से पिछले साल 27 दिसंबर को आयोजित किया जाना था। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

क्या अर्थव्यवस्था में लोगों को उनकी उचित हिस्सेदारी मिल रही?: राहुल

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने अर्थव्यवस्था के विभिन्न सूचकांकों का हवाला देते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि जब सबकी मेहनत से अर्थव्यवस्था का पहिया घूम रहा है तो क्या उसमें आम लोगों को उनकी उचित हिस्सेदारी मिल पा रही है? उन्होंने दावा किया कि हानिकारक जीएसटी और आयकर की मार ने गरीब और मध्यम वर्ग का जीना हराम कर रखा है, जबकि कॉर्पोरेट घरानों का कर्जा माफ किया जा रहा है।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'मोदी जी के विकसित भारत की सच्चाई: मेहनत आपकी, मुनाफा किसका? आप सभी के खून पसीने से देश की अर्थव्यवस्था का पहिया घूम रहा है, लेकिन क्या आपको इसमें उचित हिस्सा मिल रहा है? जरा सोचिए।' उन्होंने दावा किया कि विनिर्माण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी 60 साल के सबसे निचले स्तर तक चली गई तथा इस वजह से लोगों को रोजगार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

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