पेंशनधारकों के लिए अलर्ट!: फर्जी कॉल से मिनटों में उड़ सकती है सालों की जमा पूंजी

Update: 2025-12-07 09:40 GMT

अधिकतर पेंशनधारकों के लिए पेंशन ही उनकी आय का एकमात्र स्रोत होती है। ऐसे में अगर किसी पेंशनर के पास कोई संदिग्ध फोन आता है और कॉल करने वाला खाते की डिटेल, एटीएम विवरण या ओटीपी मांगता है, तो इसे गंभीरता से लेना जरूरी है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट और वीडियो के माध्यम से अपने खाताधारकों को इस ठगी से सावधान किया है।

कैसे होती है ठगी

एसबीआई के अनुसार, ठग मुख्य रूप से सेवानिवृत्त और पुराने पेंशनधारकों को निशाना बनाते हैं। ये फर्जी बैंक अधिकारी या कोषाधिकारी बनकर फोन करते हैं और पीपीओ नंबर अपडेट करने के लिए एक झूठा लिंक भेजते हैं। इस लिंक के जरिये वे खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलकर खुद का नंबर डाल लेते हैं। जैसे ही यह बदलाव होता है, खाते का पूरा नियंत्रण उनके हाथ में चला जाता है और वे खाते से पूरी राशि निकाल लेते हैं।

  समझाया गया तरीका

वीडियो में बताया गया है कि ठग इंटरनेट बैंकिंग क्रेडेंशियल्स और एटीएम डिटेल्स लेने के लिए फेक लिंक भेजते हैं। वे आपके नंबर पर भेजे गए ओटीपी को भी मांगते हैं। जैसे ही आप ओटीपी साझा करते हैं, उनके पास अकाउंट का एक्सेस आ जाता है। इसके बाद वे आपके रजिस्टर्ड नंबर की जगह खुद का नंबर डाल देते हैं और खाते से पैसा निकाल लेते हैं।

  सुरक्षा सलाह

बैंक ने पेंशनधारकों को सलाह दी है कि किसी भी कॉल, ईमेल, एसएमएस या लिंक के जरिए लॉगिन जानकारी, कार्ड पिन, ओटीपी या कोई भी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें। यदि आपको नंबर बदलने या खाते में बदलाव से जुड़ा कोई संदेश मिले, जिसकी आपने खुद कोशिश नहीं की है, तो इसे चेतावनी मानें और तुरंत साइबर क्राइम पुलिस या अपने बैंक शाखा से संपर्क करें। एसबीआई की वैध कॉल +91-1600 से शुरू होने वाले नंबरों से ही आती हैं। किसी अन्य नंबर से संपर्क होने पर सतर्क रहें।

 

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