दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में दी दस्तक
इन राज्यों में झमाझम बारिश के चलते गर्मी से;
दक्षिण पश्चिम मानसून ने पूर्वानुमान से एक दिन पहले आज यानी गुरुवार को केरल तट पर दस्तक दे दी। अब यह पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को बताया था कि अगले 24 घंटों के दौरान केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी रहेंगी। मौसम कार्यालय ने 15 मई को केरल में 31 मई तक मानसून के दस्तक देने का अनुमान जताया था।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे चक्रवात रेमल ने मानसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया है, जो पूर्वोत्तर में मानसून के जल्दी आने का एक कारण हो सकता है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार केरल में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप मई में सामान्य से अधिक बारिश हुई है।
अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि पांच जून है। आईएमडी ने कहा कि इस अवधि के दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मालदीव, कोमोरिन, लक्षद्वीप के शेष हिस्सों, दक्षिण-पश्चिम और मध्य बंगाल की खाड़ी, उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।
कहां-कब पहुंचता है मानसून
आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून के आस-पास केरल में प्रवेश करता है। सामान्य तौर पर ये उछाल के साथ उत्तर की ओर बढ़ता है और 15 जुलाई के आसपास पूरे देश को कवर कर लेता है। इससे पहले 22 मई मानसून अंडमान निकोबार में दस्तक देता है। इस बार अंडमान में मानसून का आगमन सामान्य से 3 दिन पहले, 19 मई को हो गया है। हालांकि, मानसून के इंतजार में बैठे उत्तर-भारत के लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। दिल्ली-एनसीआर में 30 जून से 2 जुलाई के बीच मानसून की बौछारें गर्मी की तपिश से राहत दे सकती हैं। वहीं यूपी में 18 से 20 जून के बीच मानसून के दस्तक देने की संभावना है।