10 सालों में देश के हजारों स्कूल हो चुके हैं बंद

By :  vijay
Update: 2025-07-11 17:42 GMT
10 सालों में देश के हजारों   स्कूल हो चुके हैं बंद
  • whatsapp icon

  उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 से कम छात्रों वाले 27,000 परिषदीय (प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक) स्कूलों को मर्ज करने का आदेश जारी किया है। इससे लगभग 1,35,000 सहायक शिक्षक और 27,000 प्रधानाध्यापक के पद खत्म हो रहे हैं। शिक्षामित्र एवं रसोइयों की सेवाएं भी प्रभावित होंगी। इन विद्यालयों को नजदीकी स्कूलों के साथ मर्ज किया जाएगा — सिवाय उन स्कूलों के जहां राह में नदी, हाईवे, रेलवे ट्रैक या नाला हो।

अकेले लखनऊ में 445 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों का विलय प्रस्तावित है।

बंद स्कूलों के भवनों को बाल वाटिका में बदलने की योजना है। लेकिन शिक्षकों और अभिभावकों को डर है कि इससे बच्चों की स्कूल पहुंच कठिन हो जाएगी — खासकर कक्षा 1‑2 के बच्चों के लिए, जिन्हें रोजाना 4‑5 किमी चलना पड़ेगा।

विरोध, कानूनी व राजनीतिक प्रतिक्रिया

नोएडा-गाजियाबाद में 2,000 से अधिक शिक्षकों ने प्रदर्शन किया, यह कहते हुए कि यह कदम क़ानूनन अनुचित है और Article 21A के तहत बच्चों के अधिकारों का हनन है।

 


 

लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 7 जुलाई 2025 को सरकारी फैसले को सही ठहराया और कहा कि यह पैयरिंग (मर्ज नहीं) NEP‑2020 तथा RTE अधिनियम के अनुरूप है, बशर्ते बच्चों के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाए।

देशव्यापी स्थिति: पिछले 10 सालों में स्कूलों की संख्या में हुआ परिवर्तन

सरकारी स्कूलों में गिरावट:

2014‑15 में 11,07,101 सरकारी स्कूल घटकर 2023‑24 में 10,17,660 रह गए — 8% की गिरावट, यानी 89,441 स्कूल कम हुए।

सबसे अधिक कमी मध्य प्रदेश में (29,410) और उत्तर प्रदेश में (25,126), जो कुल गिरावट का 60.9 % है।

निजी स्कूलों की बढ़ोतरी:

2014‑15 के 2,88,164 से बढ़कर 2023‑24 में निजी स्कूल 3,31,108 हो गए — 14.9 % की वृद्धि, यानी 42,944 नए निजी स्कूल। उत्तर प्रदेश में अकेले 19,305 निजी स्कूल बढ़े, जिसमें यह अकेला राज्य पूरे निजी स्कूलों की वृद्धि का लगभग 45 % हिस्सा है।

क्षेत्रीय पैटर्न:

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अलावा J&K (21.4%), ओडिशा (17.1%), अरुणाचल (16.4%), नागालैंड (14.4%), झारखंड (13.4%), गोवा (12.9%), और उत्तराखंड (8.7%) में भी सरकारी स्कूलों में भारी गिरावट आई है। बिहार में इसके विपरीत 5% की वृद्धि हुई है।

पूर्वोत्तर में (2014‑15 से 2023‑24) 8,904 सरकारी स्कूल बंद या मर्ज हुए, जिनमें से 7,919 (89%) अकेले असम में हुए। इसी अवधि में निजी स्कूलों की संख्या भी बढ़ी।

नवीनीतम आंकड़े (2020‑21 से 2023‑24):

2020‑21 में करीब 15.09 लाख स्कूल थे, जो घटकर 2023‑24 तक 14.71 लाख रह गए — 37,245 स्कूलों की कमी। इसमें सरकारी स्कूल गिरकर 10,32,179 से 10,17,660 पर, और निजी स्कूल 3,43,314 से 3,31,108 पर आए।

इसी अवधि में 37 लाख विद्यार्थी की कमी आई; इसमें लड़कियों में 16 लाख, लड़कों में 21 लाख की गिरावट; पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तेलंगाना में ‘शून्य नामांकन’ वाले स्कूलों की संख्या बढ़ी।

Tags:    

Similar News