जिस दिन हम दूसरों के प्रति दया नहीं दिखाएंगे जानवर बन जायेंगे : साध्वी विश्ववन्दना

Update: 2024-11-28 13:11 GMT

भीलवाड़ा,। जैन महासाध्वी विश्ववंदना म.सा. का मानना है कि जब तक मनुष्य इस पृथ्वी पर है उसे मानवता दिखानी होगी। मनुष्य का धर्म ही है दूसरों के प्रति दया भाव दिखाना। जिस दिन हम दूसरों के प्रति दया दिखाना बंद कर देंगे हम जानवर बन जाएंगे। इसलिए हमें दूसरो के प्रति दया दिखानी चाहिए। दया भाव व्यक्त करने के कई तरीके है जिनके द्वारा हम प्रेम भाव व्यक्त कर सकते हैं। उन्होंने ये विचार गुरुवार को शहर के शांति भवन सभागार में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किये। शहर के कांचीपुरम में चातुर्मास सम्पन्न कर मंगल विहार यात्रा के तहत शांति भवन पहुचे

महासाध्वी विश्ववंदना ने कहा कि यदि हम दूसरे लोगों की मदद करते हैं तो हम मानवता का धर्म निभाते हैं। भूखे को खाना खिलाकर, अंधे व्यक्ति को सड़क पार करा कर, सड़क पर दुर्घटना में घायल किसी व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा कर- इस तरह के कई काम करके हम मानवता दिखा सकते हैं। याद रखें मनुष्य का जन्म दूसरों की मदद के लिए ही हुआ है। हमें अपने अनमोल जीवन का पूरा उपयोग करना चाहिए। धर्मसभा में साध्वी डॉ परमेष्ठी वंदना ने कहा कई बार जब किसी व्यक्ति के साथ दूसरे लोग कुछ गलत काम कर देते हैं तो वह बदला लेने का प्रयास करता है। ऐसे में हमें लोगों को क्षमा कर देना चाहिए। मन में किसी भी तरह की शिकायत शिकवा नहीं रखनी चाहिए। दूसरों को माफ करने से हम और महान बन जाते हैं। माफ करने से मन में एक संतुष्टि का भाव भी पैदा होता है। उन्होंने कहा कि आज हमारा समाज मांसाहार की तरफ बढ़ रहा है। अखबार, टीवी, सोशल मिडिया में मांसाहार प्रोडक्ट के विज्ञापनों की भरमार है, पर क्या आपने सोचा है कि मांसाहार करने से आप पशु पक्षियों के प्रति कैसा व्यव्हार करते है? प्रोटीन के नाम पर लोग मांसाहार का सेवन करते हैं, पर प्रोटीन प्राप्त करने के अन्य स्रोत भी हैं। यदि हम पशु पक्षियों के प्रति मानवता दिखाते हैं तो हमें मांसाहार छोड़कर शाकाहार की ओर बढ़ना चाहिए। प्रारंभ में श्रावक संघ के अध्यक्ष महेंद्रसिंह छाजेड़, उपाध्यक्ष ललित बाबेल, मंत्री सुशील कुमार चपलोत, सह मंत्री गोपाल लाल लोढा एवं कोषाध्यक्ष रविंद्र कुमार सिंघवी की अगुवाई में दर्जनों श्रावक- स्राविकाओं ने हर्ष हर्ष, जय जय तथा महावीर स्वामी की जय जयकारो के साथ अगवानी की।

Similar News