नाग पंचमी के इन दुर्लभ संयोग में करें पूजा, दूर होंगे जीवन के सभी संकट!

By :  vijay
Update: 2024-08-06 18:56 GMT

हिंदू धर्म में बहुत से देवी देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है इसके अलावा पेड़ पौधों, नाग, गंधर्व आदि की भी विधि विधान से पूजा की जाती है. सावन के महिने में जहां भगवान शिव की पूजा करना बहुत फलदायी माना जाता है. वहीं सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी को नागों की नाग देवता की पूजा की जाती है. इस दिन आठ नाग देवताओं वासुकि, ऐरावत, मणिभद्र, कालिका, धनंजय, तक्षक, कर्कोटकस्य और धृतराष्ट्र की पूजा किए जाने की परंपरा है. वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार नाग पंचमी के दिन कुछ दुर्लभ संयोग बन रहें हैं. इस मुहूर्त में पूजा अर्चना करना बहुत ही शुभ फलदायी होगा.

नाग पंचमी तिथि शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, 8 अगस्त को देर रात 12 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी और 10 अगस्त को देर रात 03 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी. इस बार सावन में नाग पंचमी का त्योहार शुक्रवार 9 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन पूजा हेतु शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 01 मिनट से लेकर 08 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी.

नाग पंचमी पूजा विधि

नागपंचमी के दिन सुबह स्नान कर साफ सुथरे वस्त्र धारण करें. इसके बाद शिवलिंग पर जल अर्पित कर शिवजी की पूजा कर लें. इसके बाद घर के मेन गेट, घर के मंदिर और रसोई के बाहर के दरवाजे के दोनों तरफ खड़िया से पुताई करें और कोयले से नाग देवताओं के चिन्ह बनाएं. इसके बाद नागदेवात की पूजा की पूजा शुरू कर नागदेवता को फूल, फल, धूप, दीपक, कच्चा दूध और नैवेद्य चढ़ाएं. अंत में नाग देवता की आरती उतारें.

नाग पंचमी संयोग 

इस बार नाग पंचमी पर कई योग बनने वाले हैं. इनमें शिववास योग, सिद्ध योग, साध्य योग, बव और बालव, करण योग शामिल है. इस बार नाग पंचमी हस्त नक्षत्र के शुभ संयोग में मनाई जाएगी. इन दुर्लभ संयोग में पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलेगी और जीवन सुख-समृधि से भर जाएगा.

शिववास योग 

वैदिक पंचांग के अनुसार नाग पंचमी पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन भगवान शिव कैलाश पर जगत जननी मां पार्वती के साथ रहेंगे. इस समय में शिव परिवार संग नाग देवता की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी. साथ ही नाग देवता का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा.

सिद्ध और साध्य योग 

नाग पंचमी पर सिद्ध योग का भी संयोग बना रहा है. सिद्ध योग दोपहर 1:46 तक रहेगा. इस दौरान भगवान शिव की पूजा आराधना करने से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी. इसके बाद साध्य योग का निर्माण हो रहा है.

बालव करण योग  

नाग पंचमी पर बल और बालव करण योग का योग का भी निर्माण हो रहा है. इस दौरान भगवान शिव और नाग देवता की पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं और उत्तम फल की प्राप्ति होती है.

नाग पंचमी का महत्व  

सावन का महीना वर्षा ऋतु का होता है और इस माह में सांप भू गर्भ से निकलकर भू तल पर आ जाते हैं. नाग निकलकर किसी को भी आहत ना कर दें, इसलिए नाग पचंमी का पूजा अर्चना की जाती है. शास्त्रों व पुराणों के अनुसार पंचमी तिथि के स्वामी स्वयं नागदेव हैं और इस दिन सांपों की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी और घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. इस दिन नाग देवताओं की पूजा करने से कुंडली में मौजूद राहु व केतु से संबंधित दोषों से मुक्ति मिलती है और कालसर्प दोष की पूजा भी करवाई जाती है.

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