28 या 29 अगस्त कब है अजा एकादशी ? जानें तिथि, शुभ योग, पारण का समय और महत्व

By :  vijay
Update: 2024-08-27 14:38 GMT

हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन अजा एकादशी का व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में अजा एकादशी व्रत को बहुत महत्व दिया जाता है। अजा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा और व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी पाप दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत करने से समृद्धि भी आती है और जीवन सुखमय बनता है। आइए जानते हैं अजा एकादशी व्रत की सही तिथि, पूजा का शुभ समय और इसका महत्व।

कब है अजा एकादशी 2024?

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि आरंभ: 29 अगस्त, गुरुवार देर रात 1 बजकर 19 मिनट से

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त:30 अगस्त, दिन शुक्रवार को देर रात 1 बजकर 37 मिनट पर

उदया तिथि के अनुसार, अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी।

अजा एकादशी व्रत में दो शुभ योग बन रहे हैं

29 अगस्त को अजा एकादशी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। पहला शुभ योग या सिद्धि योग सुबह से शाम 6 बजकर 18 मिनट तक है। इस बीच दूसरा योग सर्वार्थ सिद्धि योग 30 अगस्त को शाम 4:39 बजे से अगले दिन सुबह 5:58 बजे तक रहेगा।

ये दोनों ही योग पूजा पाठ के लिए अच्छा है। इस दौरान आप जो कार्य करेंगे, वे सफल सिद्ध हो सकते हैं। व्रत के दिन आर्द्रा नक्षत्र सुबह से शाम 4 बजकर 39 मिनट तक है।

अजा एकादशी 2024, पारण काल

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अजा एकादशी व्रत का पारण काल 30 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 7:49 से 8:31 बजे तक है। इस प्रकार, व्रत का पारण करने की कुल अवधि कुल 42 मिनट हैं।

अजा एकादशी 2024 महत्व

हिंदू धर्म में अजा एकादशी का बहुत महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का एक बेहतरीन अवसर माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से साधक सभी प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष प्राप्त करता है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान शुभ फल मिलता है। यह उपवास न केवल समृद्धि और भौतिक कल्याण लाता है बल्कि आध्यात्मिक प्रगति में भी योगदान देता है।

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