भक्ति की अद्भुत मिसाल! गाडरमाला से 95 किमी की डाक यात्रा दौड़ लगाकर जोगणियां माता के दरबार में 6 घंटे में पहुंचे भक्त

Update: 2025-09-30 14:22 GMT


भीलवाड़ा, (हलचल ): राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में भक्ति और समर्पण की अनुपम छटा देखने को मिली, जब जोगणियां माता लंगर सेवा समिति गाडरमाला (भोपालगढ़) के भक्तों ने माता के प्रति अपनी अटूट आस्था का परिचय देते हुए 95 किलोमीटर की लंबी डाक यात्रा (पैदल दौड़) लगाई। सुबह गाडरमाला से प्रारंभ हुई यह भक्तिमय यात्रा महज 6 घंटे में जोगणियां माता के पावन दरबार तक पहुंच गई, जहां भक्तों ने माता के चरणों में शीश नवाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। यह आयोजन नवरात्रि के पावन अवसर पर संपन्न हुआ, जो भक्तों की एकजुटता और सेवा भाव का प्रतीक बन गया।

समिति के सदस्यों ने बताया कि यह डाक यात्रा माता जोगणियां की कृपा प्राप्ति और लंगर सेवा को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। यात्रा के दौरान भक्तों ने "जय माता दी" के उद्घोष लगाते हुए पूरे मार्ग में भजन-कीर्तन गाए और एक-दूसरे का हौसला बढ़ाया। जोगणियां माता मंदिर, जो राजपूत समुदाय की कुलदेवी के रूप में विख्यात है, पहुंचते ही भक्तों का स्वागत मंदिर समिति द्वारा किया गया। यहां प्रसाद वितरण और भंडारे का आयोजन भी हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

यात्रा में शामिल भक्त: सामूहिक सहयोग की मिसाल

यह साहसिक यात्रा सामूहिक प्रयास का परिणाम थी, जिसमें निम्नलिखित भक्तों ने हिस्सा लिया:

सुखलाल सुथार ,रामेश्वर लोहार, छोटू सेन, राजू सेन,दिनेश सुथार,किशन लूहार, रामेश्वर सेन, उदयराम सुथार, बबलू सेन, रामेश्वर सेन,रतन बैरवा, हिम्मत सिंह, राधेश्याम बैरवा राजू शाहू , कन्हैया वैष्णव,मांगीलालजी सालवी सभी भक्तों के सहयोग से यह यात्रा सफल रही। एक भक्त ने कहा, "माता की कृपा से थकान महसूस ही नहीं हुई। यह यात्रा न केवल शारीरिक बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बनी।" यात्रा के दौरान जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सेवा के संदेश भी दिए गए।

जोगणियां माता का महत्व

जोगणियां माता को शक्ति स्वरूपा देवी के रूप में पूजा जाता है, जो भक्तों को संकटों से मुक्ति और समृद्धि प्रदान करती हैं। भीलवाड़ा के सुभाष नगर क्षेत्र में स्थित यह मंदिर धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र है। नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है, और ऐसी भक्तिमय यात्राएं आस्था को और मजबूत करती हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए भीलवाड़ा से लगभग 159 किमी का सफर तय करना पड़ता है, लेकिन भक्तों के लिए यह दूरी माता के प्रेम से छोटी हो जाती है।

समिति का संकल्प: लंगर सेवा को निरंतर जारी रखेंगे

जोगणियां माता लंगर सेवा समिति ने इस अवसर पर घोषणा की कि वे माता के दरबार में नियमित लंगर सेवा का विस्तार करेंगे, ताकि दूर-दराज के भक्तों को भोजन और आशीर्वाद दोनों मिल सकें। समिति अध्यक्ष ने कहा, "यह यात्रा हमारी सेवा भावना का प्रतीक है। आने वाले समय में ऐसी और पहल करेंगे।"

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