तुलसी तोड़ते समय न करें लापरवाही, बेहद जरूरी है इस बात का ध्यान

Update: 2024-09-04 07:10 GMT

सनातन धर्म में तुलसी को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है. कहते हैं कि मां लक्ष्मी उन्हीं घरों में वास करती हैं, जहां पर साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाता है. साथ ही, जिन घरों में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और शुभ माना गया है. कहते हैं कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है. ऐसे में अगर नियमित रूप से इसकी पूजा अर्चना की जाए, तो घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है.

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय है. ऐसे में उनकी पूजा में तुलसी दल अवश्य शामिल करने चाहिए. वहीं, भगवान विष्णु को भोग लगाते समय इस बात का भी खास ख्याल रखें कि उसमें तुलसी दल जरूर शामिल करें, वरना श्री हरि भोग स्वीकार नहीं करते. ऐसे में ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा तुलसी के बिना अधूरी मानी जाती है.

बिना तिथि के तुलसी तोड़ना गलत

कई बार व्यक्ति जाने-अनजाने तुलसी से संबंधित कुछ गलतियां कर देता है, जो मां लक्ष्मी को नाराज कर देती हैं. बता दें कि कई बार व्यक्ति बिना दिन या तिथि देखे ही तुलसी के पत्तों को तोड़ सकता है. अगर कोई ऐसा करता है तो जल्द ही उस व्यक्ति को दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है. पुराणों में तुलसी के पत्ते तोड़ने के कुछ खास नियम बताए गए हैं, चलिए इन नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं. 

एकादशी पर न तोड़ें तुलसी

कभी भी गलती से भी एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. दरअसल एकादशी के दिन बिना तुलसी के पूजा को पूरा नहीं माना जाता. पर इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने के बजाय व्यक्ति एक दिन पहले दशमि तिथि को इन्हें तोड़ सकता है. तुलसी को कभी भी बासी नहीं माना जाता क्योंकि इस पौधे को पुराणों के अनुसार पवित्र माना गया है.

इस भी भूलकर न तोड़ें तुलसी

रविवार या चंद्र और सूर्य ग्रहण के दिन कभी भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. इससे घर में दुर्भाग्य जल्दी आएगा इसलिए ऐसा करने से बचें. इतना ही नहीं रविवार को कभी भी तुलसी में जल अर्पित ना करें साथ ही इन्हें छूए भी नहीं. 

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