मुनिसंघ मुनि अनुपम सागर एवं मुनि निर्मोह सागर के सानिध्य में मनाया गुरू पूर्णिमा महोत्सव

By :  vijay
Update: 2025-07-10 13:08 GMT
मुनिसंघ मुनि अनुपम सागर एवं मुनि निर्मोह सागर के सानिध्य में मनाया गुरू पूर्णिमा महोत्सव
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भीलवाड़ा -

श्री सुपार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में विराजित मुनि अनुपम सागर व मुनि निर्मोह सागर के सानिध्य में संयम भवन में गुरू पूर्णिमा का महोत्सव हजारों श्रद्धालुओं के द्वारा श्रद्धा भाव के साथ भक्तों ने श्रीफल व अर्घ चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त किया।

श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के अध्यक्ष  ने बताया कि सर्वप्रथम प्रातः मंदिरजी में अभिषेक, शांतिधारा व पूजा अर्चना की गई। धर्मसभा के प्रारंभ में सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलन श्री महावीर दिगम्बर सेवा समिति एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के श्रेष्ठीगणों द्वारा किया गया एवं मंगलाचरण भजक गायक द्वारा किया गया।

 

गुरू की पूजा और उनके आदर के लिए समर्पित किया गया जो ज्ञान और आत्मज्ञान के मार्ग पर मानव को मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। भक्तों ने मुनियों (गुरूओं) बड़े ही हर्षोल्लास व भक्तिभाव के साथ गुरू पूर्णिमा पर्व मनाया एवं गुरू मुनियों को श्रीफल एवं अर्घ चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त किया।

मुनि अनुपम सागर एवं मुनि निर्मोह सागर द्वारा धर्मसभा में बताया कि प्रथम गुरू - मां जिसने जन्म दिया, द्वितीय गुरू - धरती मां जिस पर पले-बढ़े, तृतीय गुरू - पिता जिनकी उंगली थामी, चतुर्थ गुरू - शिक्षक जिनसे ज्ञान मिला, पंचम गुरू आध्यात्मिक गुरू जिनसे जीवन सार्थक हुआ। साथ ही बताया कि जो वीतरागी और हितोपदेशी होता है उसे जिनधर्म मंे सच्चा गुरू कहा गया है। संसार में लौकिक गुरू का स्थान हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है। हमें हमेशा उनका आदर व सम्मान करना चाहिए। गुरू सही मार्गदर्शक होते है जो सही मार्ग पर चलने का ज्ञान देते है। गुरू नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों को सिखाते है, जो एक बेहतर इंसान बनने के लिए आवश्यक है। गुरू हमारे प्रेरणा स्त्रोत होते है। चातुर्मास की मांगलिक क्रियाआंे के साथ चातुर्मास की घोषणा मुनिसंघ द्वारा की गई। धर्मसभा का संचालन पं. आशुतोष जैन एवं पद्मचन्द काला ने किया।



 

मीडिया प्रभारी भागचन्द पाटनी ने बताया कि   रविवार को मंगल कलश स्थापना समारोह सूर्यमहल शास्त्रीनगर में दोपहर 1.15 बजे से प्रारंभ हो जायेगा। मुनिसंघ सुपार्श्वनाथ मंदिर से विहार करके दोपहर 12.30 बजे सूर्यमहल पहुंचेगें। चातुर्मास के लिए ध्वजारोहण त्रिलोकचन्द सौरभ छाबड़ा एवं प्रभावना सहयोगकर्ता पुर्ण्याजक मनोहर देवी विनोद रेखा कमलेश सीए सोमेश सुधा वत्सल हितवीं ठग परिवार को प्राप्त हुआ।

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