जैन साध्वी हर्ष प्रभा का उदयपुर में संथारापूर्वक देवलोकगमन, आज निकलेगी डोल यात्रा
उदयपुर में जैन साध्वी डॉ. हर्ष प्रभा का आज संथारापूर्वक देवलोकगमन हो गया। 71 वर्ष की आयु में साध्वीजी ने रात करीब 12:50 बजे अंतिम सांस ली। उनके देवलोकगमन से श्रमण संघ और गुरु अमर पुष्कर संप्रदाय में शोक की लहर छा गई है। आज देशभर में गुरु अमर पुष्कर संप्रदाय के साधु-संतों के प्रवचन नहीं होंगे।
श्री तारक गुरु जैन ग्रंथालय के महामंत्री रमेश खोखावत ने बताया कि साध्वी हर्ष प्रभा उपाध्याय पुष्कर मुनि व आचार्य देवेंद्र मुनि की सुशिष्या थीं और वर्तमान आचार्य शिवमुनिजी की आज्ञानुवर्तिनी थीं। वे पिछले 35 वर्षों से उदयपुर के तारक गुरु जैन ग्रंथालय परिसर में स्थिरवास कर रही थीं।
**आज दोपहर निकलेगी डोल यात्रा**
वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेशलाल गोखरू ने बताया कि साध्वीजी के पार्थिव शरीर की डोल यात्रा आज दोपहर 12:15 बजे शास्त्री सर्कल स्थित तारक गुरु जैन ग्रंथालय से निकलेगी और अशोक नगर मोक्षधाम पहुंचेगी, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा। पूर्व मेयर रजनी डांगी सहित कई गणमान्यजन श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
**दीक्षा और विद्वता से भरा रहा जीवन**
जैन संत डॉ. पुष्पेंद्र मुनि ने बताया कि साध्वी हर्ष प्रभा का जन्म 17 मई 1954 को किशनगढ़ में पूनमचंद झामड़ के परिवार में हुआ था। उन्होंने 2 फरवरी 1977 को 23 वर्ष की आयु में उदयपुर में साध्वी प्रभावती से जैन भागवती दीक्षा ग्रहण की थी। उन्होंने जैनागमों का गहन अध्ययन किया और हिन्दी, संस्कृत तथा प्राकृत भाषा में पारंगत थीं।
उन्होंने महाराणा कुंभा कालीन श्वेताम्बर जैन साहित्य विषय पर प्रयागराज के हिंदी साहित्य संस्थान से पीएचडी की थी। साध्वीजी ने 48 वर्षों तक संयम धर्म का पालन करते हुए आध्यात्मिक जीवन व्यतीत किया।
