पॉल्यूशन में रहना है हेल्दी, घर में ही रोज करें ये योगासन और प्राणायाम
फेफड़ों और श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरी सिस्टम) के लिए रोजाना भुजंगासन करना काफी फायदेमंद रहता है. इससे छाती की मांसपेशियों में फैलाव आता है और फेफड़े मजबूत बनते हैं साथ ही ऑक्सीजन का प्रवाह भी सुधरता है. इसलिए पॉल्यूशन के दौरान खुद को हेल्दी बनाए रखने के लिए ये योगासन करें.
रोजाना अगर गोमुखासन का अभ्यास किया जाए तो इससे श्वसन क्रिया में सुधार होता है. इसके अलावा ये योगासन करने से बॉडी पोस्चर में भी सुधार आता है और रीढ़, कंधों, पीठ की ऐंठन व दर्द को कम करने में भी ये योगासन सहायक है.
अर्ध मत्स्येंद्रासन का अभ्यास करने से भी सांस संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है, क्योंकि ब्रोंकाइटिस यानी श्वास नलियों में सूजन की दिक्कत में भी अर्ध मत्येन्द्रासन लाभकारी है, जिससे आप बेहतर तरीके से सांस ले पाते हैं. इसके अलावा ये योगासन शरीर के टॉक्सिन को बाहर निकालने में भी सहायक है और नींद के पैटर्न में सुधार करता है.
हवा में घुले पॉल्यूशन से बचने के लिए जरूरी है कि शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर बना रहे और इसके लिए प्राणायाम करना काफी अच्छा रहता है. अनुलोम-विलोम एक ऐसा प्राणायाम है जिसे करना भी ज्यादा मुश्किल नहीं है. इसके अभ्यास से शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति बढ़ने के साथ ही इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है. ये साइनस की समस्या को कम करने में भी मददगार प्राणायाम है.
श्वसन संबंधी समस्याओं से बचने के लिए भस्त्रिका भी एक बेहतरीन प्राणायाम है. इसके अभ्यास से ब्रोंकाइटिस, साइनस के अलावा सांस से जुड़ी अन्य दिक्कतों को कम करने में भी मदद मिलती है. ये कफ, वात और पित्त तीनों दोषों को कम करने में सहायक प्राणायाम है. वहीं इसे रोजाना करने से बॉडी के टॉक्सिन भी बाहर निकालने में सहायता मिलती है.