क्या है सेकेंडरी इनफर्टिलिटी, कितनी महिलाएं हैं इसका शिकार?

By :  vijay
Update: 2025-01-20 21:20 GMT

जब एक महिला पहले एक स्वस्थ बच्चा जन्म देती है, लेकिन बाद में वह प्रेग्नेंट नहीं हो पाती है ऐसी स्थिति को सेकेंडरी इनफर्टिलिटी कहा जाता है. यह समस्या या तो महिला हो सकती है या पुरुष में यानी कि दोनों में से किसी भी कारण से हो सकती है. इसके कई कारण हो सकते हैं. महिलाओं की अधिक उम्र, खराब लाइफस्टाइल , हार्मोनल असंतुलन, ओवरी में समस्याए या पुरुष के कमजोर स्पर्म भी इसके कारण बन सकते हैं. इसलिए अगर एक महिला बच्चे को जन्म दे देती है उसके बाद कुदरती रूप से वह मां नहीं बन पाती है. ऐसी स्थिति को ही सेकेंडरी इनफर्टिलिटी कहा जाता है. आइए विशेषज्ञ से जानते हैं कि महिलाओं में यह समस्या कैसे शुरू होती है.

दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा का कहना है कि उनके पास कई ऐसे कपल्स भी आते हैं जिनको पहला बच्चा तो शादी के 2 साल बाद ही हो गया था, लेकिन दूसरे बच्चे के लिए 7 साल से प्रयास कर रहे हैं और नहीं हो पा रहा है. ऐसे में कपल्स बहुत परेशान हो जाते हैं और डॉक्टर्स के चक्कर लगाते रहते हैं. इसलिए आज उन कारणों के बारे में जानेंगे जिसकी वजह से सेकेंडरी इनफर्टिलिटी हो सकती है.

सेकेंडरी इनफर्टिलिटी के कारण

एक शोध के अनुसार, अगर कोई कपल पहले और दूसरे बच्चे के बीच में 5 साल से लम्बा गैप रखता है तो महिला के एग की क्वालिटी घटने लगती है और प्रेगेन्सी में दिक्कत पैदा होने लगती है. इसके अलावा और भी कई कारण हैं, जो सेकेंडरी इनफर्टिलिटी को बढ़ावा देते हैं. जैसे एंडोमेट्रिओसिस, यह महिलाओं में होने वाला एक ऐसा रोग है, जिसमे गर्भाशय के अंदर बनने वाली परत गर्भाशय के बाहर अन्य प्रजनन अंगों में विकसित होने लगती हैं, जिससे ट्यूबल ब्लॉकेज या ओवरियन सिस्ट की समस्या उत्पन्न होती है और महिलाओं को मां बनने में परेशानी होती है. इतना ही नहीं अगर किसी महिला को हार्मोनल असंतुलन की समस्या है या पहले मिसकैरेज हो चुका है तब भी सेकेंडरी इनफर्टिलिटी हो सकती है.

कितनी फीसदी महिलाएं हैं सेकेंडरी इनफर्टिलिटी का शिकार

एक रिसर्च के मुताबिक, विश्व में करीब 20 प्रतिशत कपल ऐसे हैं जो दूसरे बच्चे के लिए प्रयास करते हैं, लेकिन कन्सीव नहीं कर पाते हैं और इसे ही सेकेंडरी इनफर्टिलिटी कहते हैं. हालांकि, अच्छे डॉक्टर से संपर्क करने और इसकी सही पड़ताल से इसका इलाज संभव है और महिला दूसरी मां बनने में सफलता प्राप्त कर सकती है.

सेकेंडरी इनफर्टिलिटी के लिए आयुर्वेदिक इलाज

डॉ चंचल शर्मा बताती हैं कि आयुर्वेदा में सेकेंडरी इनफर्टिलिटी का इलाज संभव है. इसमें किसी प्रकार की सर्जरी नहीं होती है, बल्कि केवल पंचकर्म थेरेपी, आयुर्वेदिक दवाओं, डाइट और एक्सरसाइज से इस समस्या की जड़ में खत्म किया जा सकता है. इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है.

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